Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 Jan, 2023 11:09 AM
कांग्रेस (Congress) की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) शामली (Shamli) के ऐलम गांव में रात्रि विश्राम के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में गुरुवार सुबह 6 बजे फिर शुरू हुई। सुबह घने कोहरे (Fog) और ठिठुरन भरी...
शामली(पंकज मलिक): कांग्रेस (Congress) की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) शामली (Shamli) के ऐलम गांव में रात्रि विश्राम के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में गुरुवार सुबह 6 बजे फिर शुरू हुई। सुबह घने कोहरे (Fog) और ठिठुरन भरी सर्दी के बीच अपनी अगली मंजिल की तरफ रवाना हुई इस यात्रा में व्यापक जन समूह देखने को मिला। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तस्वीर छपी सफेद टी-शर्ट पहने नजर आए। राहुल एक बार फिर अपनी चर्चित सफेद टीशर्ट में यात्रा करते दिखे। इस दौरान पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा नजर नहीं आईं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक उनके बाद में यात्रा में शामिल होने की संभावना है।
बेहद संवेदनशील माने जाने वाले कैराना से भी होकर गुजरेगी 'भारत जोड़ो यात्रा'
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक यह यात्रा आज सांप्रदायिक लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले कैराना से भी होकर गुजरेगी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कैराना से बहुसंख्यक समुदाय के लोगों का पलायन एक बड़ा मुद्दा बना था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यात्रा आज ऐलम गांव से शुरू होकर ऊंचागांव पहुंचेगी। वहां जलपान और विश्राम के बाद अपराह्न साढ़े 3 बजे यात्रा फिर आगे बढ़ेगी और कैराना होते हुए हरियाणा की सीमा में दाखिल हो जाएगी। शाम साढ़े छह बजे हरियाणा के पानीपत में कुछ देर ठहरने के बाद यात्रा सनोली खुर्द पहुंचेगी और वहां रात्रि विश्राम करेगी।

3 जनवरी को गाजियाबाद की लोनी सरहद से उत्तर प्रदेश में दाखिल हुई थी ‘भारत जोड़ो यात्रा'
आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर में राहुल गांधी की अगुवाई में कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा' तीन जनवरी को गाजियाबाद की लोनी सरहद से उत्तर प्रदेश में दाखिल हुई थी। उसी दिन यात्रा बागपत पहुंची थी और मवीकलां गांव में पड़ाव डाला था। बुधवार को यात्रा मवीकलां से निकलकर निवारा और सरूरपुर होते हुए बड़ौत जिले में दाखिल हुई थी। शाम को वह शामली पहुंचकर ऐलम गांव में ठहरी थी। हालांकि कांग्रेस इसे गैर राजनीतिक यात्रा बता रही है लेकिन इसके सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं। कांग्रेस की यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुजर रही है जहां कांग्रेस के पांव तीन दशक पहले उखड़ गए थे।