Edited By Anil Kapoor,Updated: 16 Mar, 2023 10:36 AM

अगर आप उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के इंद्रानगर स्थित शेखर अस्पताल (Hospital) में इलाज (Treatment) के लिए जा रहे हैं तो डॉक्टर सुनील गोयल (Doctor Sunil Goyal) से रहे सावधान। क्योंकि यहां मरे हुए मरीज (Patient) को भी....
लखनऊ(अनिल सैनी): अगर आप उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के इंद्रानगर स्थित शेखर अस्पताल (Hospital) में इलाज (Treatment) के लिए जा रहे हैं तो डॉक्टर सुनील गोयल (Doctor Sunil Goyal) से रहे सावधान। क्योंकि यहां मरे हुए मरीज (Patient) को भी खून (Blood) चढ़ाया जाता है।
मौत होने के बाद भी रात भर बिना डॉक्टर के एडमिट रहता है मरीज
मिली जानकारी के मुताबिक, यहां एक दिन पहले मरीज की मौत हो जाती है और रात भर एडमिट रहने के बाद रात में कोई डॉक्टर नहीं रहता है। जब पेशेंट के तीमारदार आवाज उठाते हैं तो नींद में डॉक्टर भाग के 2 बजे आता है और बताता है कि पेशेंट को खून चढ़ाना पड़ेगा। मरीज की फेमली जब आवाज उठाती है तो डॉक्टर कहते हैं कि मरीज का ECG काम नहीं कर रही है और आखिर में सॉरी बोला देता है। अब सवाल यह है कि प्राइवेट अस्पताल मरने के बाद भी मरीज को तब तक नहीं छोड़ते जब तक आपसे पैसा ऐठ नहीं लेते। जब आपको इस बात का पता चल जाता है तब कहते हैं सॉरी।

प्राइवेट अस्पताल में आपके मरीज को सिर्फ एक ही डॉक्टर देखेगा
आपको बता दें कि डॉ. सुधीर गोयल (गुर्दा रोग विशेषज्ञ) भूतपूर्व डॉक्टर सऊदी अमेरिका लिखता है और इस प्राइवेट अस्पताल में आपके मरीज को एक डॉक्टर ही देखेगा। जब वह देखना बंद करेगा तब दूसरे डॉक्टर को हैंड ओवर करना पड़ेगा। इनकी आपस में ही नहीं बनती है, इसलिए इन प्राइवेट अस्पताल से सावधान हो जाएं। यहां जाने से पहले 100 बार आप सोच लें। क्योंकि यहां मरे हुए मरीज को यह लोग कई दिनों तक एडमिट करते हैं। जब आप जान जाएंगे तो फिर यह केविन में अपने बाउंसरों के साथ आपके पास आएंगे और कहेंगे जो होना था हो गया अब आप इसको ले जाइए ऊपर वाले की यही मर्जी थी।

प्राइवेट अस्पताल डेथ बॉडी तभी देंगे जब आप बचा हुआ पैसा दोगे
प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टरों में मानवता खत्म हो चुकी है। यह डेथ बॉडी तभी देंगे जब आप बचा हुआ पैसा दे देंगे। अगर आप पैसे देने में आना कानि करते हैं तो बाउंसरों की फौज बुला कर आप से निपटने की धमकी देते हैं। आपको बता दें कि शेखर हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर सचान को अगर आप फोन करेंगे तो कभी फोन उठता नहीं और न ही कोई सपोर्ट वहां से आपको मिल सकता है। इन डॉक्टरों की डिग्रियों के ऊपर ना जाएं क्योंकि लिखा कुछ होता है और ये मरीज के साथ करते कुछ और हैं।