Edited By Ramkesh,Updated: 06 Jan, 2021 09:02 PM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पीएफआई के कथित तीन सदस्यों की याचिका पर केंद्र और प्रदेश सरकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने को मंगलवार को कहा।
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पीएफआई के कथित तीन सदस्यों की याचिका पर केंद्र और प्रदेश सरकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने को मंगलवार को कहा। पीएफआई के इन कथित सदस्यों को पिछले साल पांच अक्तूबर को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती के परिजनों से मिलने हाथरस जा रहे थे। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
बता दें कि एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ये लोग हाथरस की घटना का अनुचित लाभ लेने और कानून- व्यवस्था की स्थिति बिगाडऩे के साथ ही प्रदेश में जातिगत दंगे भड़काने के इरादे से हाथरस जा रहे थे। न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति शमीम अहमद की पीठ ने मुजफ्फरनगर के अतीक उर रहमान, बहराइच के मसूद और रामपुर के आलम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोप लगाया था कि इन तीनों का पीएफआई की विद्यार्थी शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से संबंध है। जेल से रिहाई की मांग करते हुए इन याचिकाकर्ताओं ने मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी है और इस आदेश को गैर कानूनी बताया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 जनवरी, 2021 तय की।