Edited By Mamta Yadav,Updated: 19 Nov, 2024 12:49 AM
कानपुर स्थित हृदयरोग संस्थान में अब ओसीटी यानी ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी की मदद से एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ अवधेश शर्मा ने बताया कि लखनऊ के केजीएमयू और एसजीपीजीआई के बाद कानपुर कार्डियोलॉजी...
Kanpur News: कानपुर स्थित हृदयरोग संस्थान में अब ओसीटी यानी ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी की मदद से एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ अवधेश शर्मा ने बताया कि लखनऊ के केजीएमयू और एसजीपीजीआई के बाद कानपुर कार्डियोलॉजी उत्तर प्रदेश का एक ऐसा संस्थान है जहां ओसीटी इमेजिंग विधिक के जरिये एंजियोप्लास्टी की जा सकेगी। खास बात यह भी है कि यहां रियायती दरों पर इस आधुनिक तकनीक से एंजियोप्लास्टी की जायेगी जो केजीएमयू और एसजीपीजीआई के मुकाबले सस्ती और कारगर होगी।
उन्होंने बताया कि ओसीटी इमेजिंग विधि द्वारा एंजियोप्लास्टी करने से इस ऑपरेशन की जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है और भविष्य में होने वाले कॉम्प्लिकेशन्स को रोका जा सकता है। इस विधि से सटीकता के साथ एंजियोप्लास्टी को किया जा सकता है। अभी तक होने वाली एंजियोप्लास्टी में जोखिम का स्तर दो से तीन फीसदी रहता था जबकि इस विधि से जोखिम को एक फीसदी से भी कम किया जा सकेगा। ओसीटी (ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी) में इन्फ्रारेड लाइट के द्वारा एक कैथेटर के माध्यम से हृदय की धमनी के अंदर जाकर पूरी धमनी की फोटोग्राफी की जा सकती है। इससे इस बात का सटीक पता चल जाता है कि धमनी के अंदर कितना थक्का जमा हुआ है। थक्के का प्रकार कैसा है। थक्के में कैल्शियम जमा है या नहीं। धमनी का कितना भाग बीमारी से ग्रसित है। ब्लॉक कितना बड़ा है। स्टेंट किस साइज और लम्बाई का लेना है। स्टेंट सही से धमनी से चिपका है अथवा नहीं, या फिर स्टेंट लगाते समय कोई धमनी में कट तो नहीं आया है। इन सब बातों का समय रहते पता हो जाने पर भविष्य में होने वाले कॉम्प्लिकेशन्स पर रोक लगायी जा सकती है।
हृदय की धमनियों में रुकावट हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है ।यह रुकावट विभिन्न वजहों से आ जाती है जिसमें हाई ब्लड प्रेशर,अनियंत्रित शुगर,गलत ख़ान-पान व अनियमित जीवन शैली प्रमुख हैं। हृदय की धमनियों के इस ब्लॉकेज का एंजियोग्राफी की जाँच द्वारा पता लगाया जाता है और 79 प्रतिशत से ज्यादा ब्लॉकेज को एंजियोप्लास्टी द्वारा ठीक किया जाता है। एंजियोप्लास्टी वो चिकित्सीय प्रणाली है जिसमें ब्लॉकेज को पहले बैलूनिंग द्वारा खोला जाता है फिर उसमें स्टेंट लगाकर ठीक किया जाता है ।एंजियोप्लास्टी में समय के साथ -साथ तकनीकी विकास काफी तीव्र गति से हुआ है ।इसी कड़ी में इमेजिंग के माध्यम से सटीक एंजियोप्लास्टी आधुनिक समय में काफी तेजी से प्रचलित हुई है।
आज हृदय रोग संस्थान में इसी विधि की सहायता से कई रोगियों की एंजियोप्लास्टी उचित व किफायती दरों पर चिकित्सकों की टीम द्वारा की गयी। संस्थान के निदेशक डा राकेश वर्मा ने बताया कि इस विधि द्वारा एंजियोप्लास्टी अब संस्थान में सुगमता से उपलब्ध है। चिकित्सीय टीम के सदस्यों डा उमेश्वर पांडे,डा एसके सिन्हा,डा एमएम राजी ने बताया कि यह तकनीकी हार्ट अटैक के उपचार में मील का पत्थर साबित होगी।