'ये शादी नहीं होगी, बेइज्जती करनी थी, कर दी...कार्ड तो बेवकूफ बनाने...', तिलक की रस्म में बेइज्जती, बंद कमरे में पिटाई, लड़की वालों का कारनामा हिला देगा दिमाग

Edited By Purnima Singh,Updated: 26 Sep, 2025 01:48 PM

amazing feat of the bride s family

यूपी की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां दो परिवारों की सहमती से रिश्ता तय हुआ, कार्ड छपवाए गए, मेहमानों को न्यौते भेजे गए और तिलक की तारीख भी तय कर दी गई, लेकिन जब रस्म शुरू हुई तो....

लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां दो परिवारों की सहमती से रिश्ता तय हुआ, कार्ड छपवाए गए, मेहमानों को न्यौते भेजे गए और तिलक की तारीख भी तय कर दी गई, लेकिन जब रस्म शुरू हुई तो अचानक लड़की वालों ने फोन पर ऐलान कर दिया 'ये शादी नहीं होगी, तुम्हारी बेइज्जती करनी थी, कर दी।' 

तिलक की रस्म में सबके सामने बेइज्जती
यही कहानी लखनऊ के ऋषिकेश पांडे और बाराबंकी की मुस्कान तिवारी की है। ऋषिकेश और मुस्कान वैसे तो लव मैरिज कर रहे थे, लेकिन दोनों का रिश्ता परिवारों की सहमति से तय हुआ था। 25 नवंबर 2024 को तिलक और 9 दिसंबर 2024 को शादी की तारीख निश्चित की गई थी। रिश्तेदारों को न्यौते बांटे गए, कार्ड छपे, तैयारियां सुमार पर थीं, तभी तिलक की रस्म के दिन ही मुस्कान के जीजा सूरज तिवारी ने फोन कर कहा कि अब ये शादी नहीं होगी, कार्ड तो तुम्हें बेवकूफ बनाने के लिए छपवाए थे। 

बंद कमरे में पिटाई और जान का खतरा 
अगले दिन ऋषिकेश जब मुस्कान से मिलने उसके घर गया, तो उसने देखा कि उसके पिता अशोक तिवारी, मां सरिता और जीजा सूरज मुस्कान को कमरे में बंद कर पीट रहे हैं। 29 दिसंबर को मुस्कान घर से जैसे-तैसे भागी और ऋषिकेश के पास जा पहुंची। मुस्कान ने बताया कि उसे कई दिनों से कैद में रखकर पीटा जा रहा था। उसे जान का खतरा है। अगले दिन 30 दिसंबर को दोनों ने आर्य समाज मंदिर में विवाह कर उसी दिन रजिस्ट्रेशन भी करा लिया। हालांकि दोनों की खुशी ज्यादा देर टिक न सकी।  

बंदूक की नोक पर उठा ले गए परिजन
30 दिसंबर की शाम ऋषिकेश कुछ सामान लेने बाहर गया था, तभी मुस्कान के पिता और जीजा हथियारबंद 10-12 लोगों के साथ आए और बंदूक की नोक पर मुस्कान को उठा ले गए। इसके बाद से मुस्कान का कोई पता नहीं है। ऋषिकेश ने उसी रात चिनहट थाने में तहरीर दी थी। मगर पुलिस कार्रवाई के बजाय जांच का हवाला देकर तीन महीने तक मामले को टालती रही। ऋषिकेश ने अधिकारियों से लेकर पुलिस आयुक्त तक गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। आखिरकार थक-हार कर उसने कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट के आदेश के बाद चिनहट थाने में एफआईआर दर्ज हुई। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की गहनता से जांच जारी है। 

Related Story

Trending Topics

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!