BJP की कार्यप्रणाली की कीमत लोगों को अपने जान-माल के नुकसान से चुकानी पड़ रहीः अखिलेश

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 23 May, 2020 06:24 PM

akhilesh says bjp s functioning is costing people from the loss of their

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि संकट काल में भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली की कीमत लोगों को अपने जान-माल के नुकसान से चुकानी पड़ रही है। यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि सत्ता में बैठे भाजपाई अपनी संकीर्ण सोच के साथ बेबस...

लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि संकट काल में भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली की कीमत लोगों को अपने जान-माल के नुकसान से चुकानी पड़ रही है। यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि सत्ता में बैठे भाजपाई अपनी संकीर्ण सोच के साथ बेबस मजदूरों के मामले में भी चुनावी स्वार्थ साधने में लगे है। जनता की निगाहों में भाजपाई राहत और सेवा का सच सामने आने से बौखलाए मुख्यमंत्री विपक्ष की आलोचना का झूठा सहारा ले रहे हैं।

प्रदेश के नागरिक देख रहे है कि सपा निरन्तर, बिना किसी भेदभाव के राहत कार्यों में लगी है। वह पीड़ितों की आर्थिक मदद भी कर रही है जबकि भाजपा सरकार का रवैया पूर्णतया श्रमिकों के प्रति असंवेदनशील और अमानवीय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र जनपद वाराणसी में मजदूर मजबूरी में भटक रहे हैं। उनकी दयनीय हालत पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। स्टेशन तय न होने से ट्रेनें अटक रही हैं, बसों की भारी कमी है। प्रशासनिक अधिकारी अब भोजन पानी की व्यवस्था में भी उदासीनता बरत रहे हैं। मथुरा में एनएच-2 रायपुरा जाट गांव में मजदूरों ने जाम लगा दिया। कानपुर देहात में बारा टोल प्लाजा पर वाहन रोके जाने से श्रमिक नाराज थे।

सपा नेता ने कहा कि सरकारी दावों के बाद भी हकीकत यह है कि गुजरात-महाराष्ट्र से ट्रकों, बाइक, साइकिल और दूसरे साधनों से रोज हजारों श्रमिक उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं। जो श्रमिक आ रहे हैं उनकी जिन्दगी भी हर क्षण खतरे में रहती है। अब तक सड़क हादसों मे या परेशानी में फांसी लगाकर मरने वालों की तादाद सैकड़ा तक पहुंच चुकी है।          

उन्होंने कहा कि भाजपा और संघी संगठन प्रारम्भिक बड़े-बड़े दावों और प्रचार के बाद अब गरीबों की भूख प्यास भूलने लगे हैं। बाहर से आए हजारों श्रमिकों की रोजी-रोटी की कोई व्यवस्था नहीं है। महाराष्ट्र से बांदा आए सुनील उर्फ संजय ने आर्थिक तंगी के चलते जान गंवा दी। पैदल लौटने पर मजबूर उत्तर प्रदेश की एक गरीब गर्भवती का सड़क पर प्रसव हो गया। सरकार से हारकर एक 15 वर्षीय लड़की ने अपने घायल पिता को लम्बी यात्रा कर दरभंगा पहुंचाया। इन सभी मामलों में सरकार ने उपेक्षा व हृदयहीनता का शर्मनाक परिचय दिया। समाजवादी पार्टी ने इनमें से प्रत्येक पीड़ित परिवार को एक-एक लाख रूपए की मदद दी। 

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