UP Politics News: यूपी उपचुनाव में हार के बाद सपा में बड़ी छंटनी की तैयारी, निष्क्रिय पदाधिकारियों को किया जाएगा बाहर

Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Dec, 2024 12:34 PM

after defeat in up by election preparations for big retrenchment in sp

UP Politics News: उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में मिली हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में संगठनात्मक बदलाव की तैयारी तेज हो गई है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सपा अपने निष्क्रिय और प्रभावहीन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता...

UP Politics News: उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में मिली हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में संगठनात्मक बदलाव की तैयारी तेज हो गई है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सपा अपने निष्क्रिय और प्रभावहीन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की योजना बना रही है। पार्टी के उच्च नेतृत्व (हाईकमान) इस पर मंथन कर रहा है और ऐसे पदाधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है, जो पार्टी के अभियान और निर्देशों को सही तरीके से लागू नहीं कर पा रहे हैं।

78 जिलों में हो सकता है बदलाव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सपा संगठन में 78 जिलों में बदलाव की योजना बनाई जा रही है। पार्टी केवल उन्हीं कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण पदों पर रखने का सोच रही है, जो सक्रिय हैं और पार्टी के लिए काम करते हैं। उन पदाधिकारियों का मूल्यांकन किया जा रहा है, जो अपने कार्यों में सफल नहीं हो पाए हैं। इन पदाधिकारियों पर जल्द ही सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। पार्टी का उद्देश्य उन कार्यकर्ताओं को आगे लाना है, जो संगठन में अपनी भूमिका निभाने में सक्षम हैं।

PDA फॉर्मूले पर जोर
सपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला अपनाया था, जो काफी सफल साबित हुआ था। इस फॉर्मूले के तहत सपा ने यूपी में बीजेपी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की थी। अब पार्टी इसे और विस्तार देने की योजना बना रही है। इसके तहत पार्टी ने पीडीए रणनीति के तहत गांव-गांव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, कुछ जिलों में पार्टी के पदाधिकारी इस अभियान को ठीक से लागू नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण उनकी छंटनी की तैयारी हो रही है।

BJP में भी संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू
वहीं, बीजेपी में भी संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। खबरें हैं कि नए साल में बीजेपी उत्तर प्रदेश को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। इसके बाद, बूथ कमेटियों का गठन किया जाएगा, फिर मंडल और जिला अध्यक्षों का चुनाव होगा, और अंत में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी। बीजेपी का ध्यान जातीय समीकरण और सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से नए संगठन का निर्माण करना है, ताकि आगामी चुनावों में पार्टी को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। वही अब सपा और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपने संगठन में बदलाव और नई रणनीतियों पर काम कर रही हैं, ताकि 2027 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।

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