Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 14 Feb, 2020 01:14 PM
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद डॉ कफील खान के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। सोमवार को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को डॉ....
लखनऊः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद डॉ कफील खान के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। सोमवार को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को डॉ. कफील खान जमानत पर रिहा होने वाले थे, लेकिन रासुका लगने से उनकी मुश्किस बढ़ गई है।
डॉ. कफील खान के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने शुक्रवार को टेलीफोन पर बताया ‘‘डॉ कफील खान के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है और वह जेल में ही रहेंगे।'' कफील वर्तमान में मथुरा जेल में निरुद्ध है। पिछले साल दिसंबर में एएमयू में सीएए के विरोध में भाषण देने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।
डॉ कफिल ने दिया था भड़काऊ भाषण
पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमे में कहा गया कि एएमयू में अपने भाषण में डॉ. कफील खान ने कथित तौर पर कहा था कि 'मोटा भाई' सबको हिंदू और मुसलमान बनने की सीख दे रहे हैं, इंसान बनने की नहीं। साथ ही कफील ने कहा था कि सीएए के खिलाफ संघर्ष हमारे अस्तित्व की लड़ाई है।
बीआरडी में बड़ी तादाद में बच्चों की मौत होने पर चर्चा में आए कफिल
गौरतलब है कि गत वर्ष अगस्त माह में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान उस समय मीडिया की सुर्खी बन गए थे जब वहां एक साथ बड़ी तादाद में बच्चों की मौत हो गई थी। जिसका कारण ऑक्सीजन की कमी बताया गया था और इस मामले में राज्य सरकार द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया था।