यूपी: भ्रष्टाचार से आहत सब इंस्पेक्टर ने दिया इस्तीफा, विभाग के लोग ही मांगते थे रिश्वत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 08:15 PM

up sub inspector send resignation

उत्तर प्रदेश पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप आमजन तो लगाते ही रहे हैं लेकिन मामला तब और गंभीर हो जाता है जब ये आरोप खुद विभाग का एक एसआई लगाए।

मथुरा: उत्तर प्रदेश पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप आमजन तो लगाते ही रहे हैं लेकिन मामला तब और गंभीर हो जाता है जब ये आरोप खुद विभाग का एक एसआई लगाए। इतना ही नहीं विभाग में फैले भ्रष्टाचार से दुखी होकर सब इंस्पेक्टर (एसआई) अश्वनी कुमार ने एसएसपी को नौकरी से इस्तीफा भेज दिया। 

बताया गया है कि ट्रेनी दरोगा ने पहले सीओ को अपना इस्तीफा दिया था लेकिन सीओ ने उनके इस्तीफे को लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद दरोगा ने एसएसपी, सीओ और एसओ को रजिस्टर्ड डाक से इस्तीफा भेज दिया है। ट्रेनी एसआई ने एसएसपी को एक पत्र भी भेजा है, जिसमें पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कई आरोप लगाए गए हैं। मामला सामने आने के बाद एसआई तो मीडिया के सामने नहीं आया, लेकिन आलाधिकारी अब इस मामले पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
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त्याग पत्र में खोली अधिकारियों के आमनवीय व्यवहार की परत
मथुरा के मांट थाने पर तैनात एसआई अस्वनी कुमार ने एसएसपी मथुरा को भेजे इस्तीफ़ा पत्र में विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अधिकारियों द्वारा आमनवीय व्यवहार की परत खोली है। 2015 बैच के एसआई अस्वनी ने पत्र में लिखा है कि विभाग में 30 सीएल (कैसुअल लीव) मिलते हंै लेकिन वास्तिवकता इससे बिलकुल भिन्न है। अगर 30 दिन नहीं दिए जा सकते तो उनको कम कर दिया जाए। परन्तु जितनी मिलती है उतना दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि अगर कोई उपनिरीक्षक तत्काल रूप से चाहे तो वह नहीं जा सकता जो कि बेहद आमनवीय एवं अव्यवहारिक है। 3 दिन की छुट्टियां एसओ-एसएचओ द्वारा दी जानी चाहिए।
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सरकारी कार्यों के लिए भी देनी पड़ती है रिश्वत
विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पत्र में लिखा है कि सरकारी कार्यों के लिए भी रिश्वत देनी होती है। जैसे कि टीए/डीए के लिए 10 प्रतिशत एडवांस, मेडिकल के लिए 10 प्रतिशत, केस डायरी के लिए 100 रुपये, चलन बुक के लिए 100 रुपए लिए जाते हैं। ये सब लोग जानते हैं लेकिन सब वही करते हैं जो होता आया है। साथ ही सुझाव दिया कि इन सबको केवल बेहतर सिस्टम लाकर ही रोका जा सकता है। 

क्या कहते हैं थाने के सीओ?
इस पत्र के सामने आने के बाद मथुरा पुलिस सकते में है। मांट सर्कल के सीओ विजय शंकर मिश्रा ने इस पत्र के मीडिया में आने के बाद कहा की अस्वनी कुमार ने पुलिस विभाग में व्याप्त समस्याओं को लेकर इस्तीफ़ा उच्च अधिकारियों को दिया है। हम इनको समझने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में उन्होंने कहा कि इनके द्वारा पत्र में दिए गए सुझाव पर कार्रवाई करेंगे। 

कांग्रेस ने साधा निशाना 
जब इस बारे में कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। माथुर ने कहा कि यूपी सरकार का सिर्फ मुखौटा बदला है कार्य प्रणाली वही है। जहां तक पैसे की बात है तो फाइलों पर पैसा प्रदेश में सब जगह लिया जा रहा है। पीएम मोदी और सीएम योगी कितनी भी बड़ी बड़ी बातें कर लें निचले स्तर पर कोई सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर ही सरकार में आई थी वो सब कोई बातें रह गई हैं। मुख्यमंत्री का कानून व्यवस्था पर न तो कोई पकड़ है और न ही कोई सुधार। 

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