स्कूल की बड़ी लापरवाही से छात्र की माैत, परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर लगाया गंभीर आराेप

Edited By Ajay kumar,Updated: 21 Sep, 2019 06:19 PM

student by school s negligence family members punish school administration

भोगांव थाना क्षेत्र स्थित आरएस एजुकेशन एकेडमी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसका खामियाजा छात्र काे जान देकर चुकाना पड़ा है...

मैनपुरी:  भोगांव थाना क्षेत्र स्थित आरएस एजुकेशन एकेडमी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसका खामियाजा छात्र काे जान देकर चुकाना पड़ा है। बता दें कि स्कूल पढ़ने गए कक्षा 3 के छात्र की तबियत अचानक बिगड़ गई। आराेप है कि स्कूल प्रशासन ने बच्चे के बीमार हाेने की जानकारी परिजनाें काे नहीं दी जिससे उसकी सेहत और खराब हाे गई। जिसकी वजह से बच्चे की बस में ही माैत हाे गई।
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मामला मैनपुरी के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित आर एस एजूकेशनल एकेडमी का है। जहां ग्राम मेरापुर के मौजा म्यूरचक में स्थाई निवासी श्री चंद का 11 साल का मासूम कक्षा 3 का छात्र था। जो हर रोज की तरह पढ़ने स्कूल गया था। वहां अचानक उसके पेट में दर्द हाेने लगा। छात्र के बीमार हाेने का संज्ञान स्कूल प्रशासन ने सीरियसली नहीं लिया जिससे उसका दर्द और बढ़ गया। हुआ यूं कि स्कूल लाैटते समय बच्चे की बस में ही माैत हाे गई। इसी बीच स्कूल प्रशासन अपनी लापरवाही छिपाने के लिए मासूम को जिला अस्पताल लेकर पहुंचा जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही परिजन मौके पर पहुंच गए। एक तरफ स्कूल प्रशासन कह रहा है कि हमने बच्चे के परिवार वालों को काफी फ़ोन किया लेकिन उनका फ़ोन लगा ही नहीं। वहीं जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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श्री चन्द मृत मासूम के पिता का कथन-
वहीं परिवार वालों का कहना है कि स्कूल प्रशासन ने हमें कोई जानकारी नहीं दी। फिर भी हमें ये लोग जानकारी क्यों देना चाहते थे, बच्चे की तबियत ख़राब हुई थी तो इन लोगों को सीधे बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए था जो कि इनका पहला कर्तव्य है। जितना भी पैसा खर्च होता हम लोग देते, लेकिन ये लोग तब उस बच्चे को अस्पताल लेकर आए जब उसकी मौत हो गयी। अगर सही समय पर उसको इलाज मिल जाता तो उसकी मौत नहीं होती। 

परिजनों को समझौते का दबाव बना रहा स्कूल प्रशासन
इस प्रकरण को लेकर खबर लिखे जाने तक परिजनों को समझौते का दबाव स्कूल प्रशासन की तरफ से दिया जा रहा है क्योंकि मृत मासूम बालक का परिवार बेहद ही गरीब है। 
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बच्चे के परिजनाें का नहीं लगा फाेन- स्कूल मैनेजर
आशीष कुमार (स्कूल मैनेजर) का कहना है कि पहले इसे पेट में दर्द चालू हुआ जिसके लिए हमने इसे दवा दी लेकिन राहत नहीं हुयी। फिर परिवार वालों को हमने करीब 9 बार फोन किया लेकिन फोन नहीं लग रहा था। जिसके बाद हम इसे जिला अस्पताल ले आए।
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मृत अवस्था में लाया गया छात्रः डॉक्टर
डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि ये बच्चा जब अस्पताल लाया गया तो ये मृत अवस्था में था जिसका नाम आयुष है। आखिर इसकी मौत कैसे हुई ये तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही सामने आएगा।

 

बच्चे की मौत  के बाद उठ रहे सवाल
बच्चे की मौत स्कूल की बस में होना स्कूल प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाता है। आखिर सवाल ये उठता है कि क्या ऐसी शिक्षण संस्थाओं के खिलाफ कोई गम्भीर कार्रवाही होगी या ऐसे ही ये रसूखदार लोग अपनी जिम्मेदारियों से बेपरवाह होकर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे। 

 

 

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