Edited By Anil Kapoor,Updated: 13 Feb, 2025 07:56 PM
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Sultanpur News: प्रेम एक ऐसा अहसास है, जो न उम्र देखता है, न किसी देश की सीमा। यह भावनाओं का संगम होता है, जिसमें न समर्पण की कमी होती है, न त्याग की। प्रेम की यह अद्भुत शक्ति समय और स्थान से परे होती है। प्राचीन काल से लेकर आज तक, प्रेम की अनगिनत...
Sultanpur News: प्रेम एक ऐसा अहसास है, जो न उम्र देखता है, न किसी देश की सीमा। यह भावनाओं का संगम होता है, जिसमें न समर्पण की कमी होती है, न त्याग की। प्रेम की यह अद्भुत शक्ति समय और स्थान से परे होती है। प्राचीन काल से लेकर आज तक, प्रेम की अनगिनत कहानियाँ सुनने को मिलती हैं। जैसे कृष्ण और राधा का प्रेम, या फिर पृथ्वीराज चौहान और संयुक्ता का प्रेम। प्रेम किसी सीमा का बंधन नहीं जानता, और अगर सच्चा प्रेम हो तो सात समंदर पार भी दो दिल एक-दूसरे से मिल ही जाते हैं।
ऐसी ही एक अनोखी प्रेम कहानी है सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले शिवम श्रीवास्तव और अमेरिका की सेलेस्ट की। यह कहानी इस बात का प्रतीक है कि प्रेम कभी भी और कहीं भी हो सकता है। 2013 में सेलेस्ट भारत के सांस्कृतिक अध्ययन के लिए आई थीं, और यहीं उनके दिल ने शिवम के लिए एक खास जगह बना ली। उन्होंने शिवम से शादी करने का मन बना लिया। 2016 में दोनों ने शादी की और अब वे खुशी-खुशी अपना वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं।
कैसे हुई दोनों की मुलाकात?
शिवम श्रीवास्तव ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए बताया कि 2013 में सेलेस्ट अपनी कुछ दोस्तों के साथ भारत के सांस्कृतिक अध्ययन के लिए सुल्तानपुर आई थीं। यहीं उनकी मुलाकात शिवम से हुई और पहली नजर में ही दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। शुरुआत में दोनों फोन पर बात करते थे, लेकिन समय के साथ उनका रिश्ता और भी गहरा हो गया। 2016 में उन्होंने शादी कर ली। सेलेस्ट ने बताया कि जब वे भारत में शिवम के गांव आईं, तब शिवम ने उनकी पूरी टीम को सहारा और सहयोग दिया। इस खुले दिल और मददगार स्वभाव को देख उनका दिल शिवम पर आ गया, और यही प्रेम एक मजबूत रिश्ते में बदल गया।
अपने बच्चों को हिंदी सिखाना चाहती हैं सेलेस्ट
शिवम ने राजनीति विज्ञान में पीजी और एल.एल.बी की डिग्री प्राप्त की है, वहीं सेलेस्ट ने अमेरिका में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। अब दोनों मिलकर अपने बच्चों की परवरिश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे दोनों देशों की भाषा और संस्कृति को समझें। सेलेस्ट अपने बच्चों को हिंदी सिखाना चाहती हैं, जबकि शिवम बच्चों को अंग्रेजी और अवधी भाषा का ज्ञान देना चाहते हैं। यह मिश्रण उनके बच्चों को दो भाषाओं और संस्कृतियों का अनुभव प्रदान करेगा।
रिश्ते की मजबूती और परिवार का समर्थन
सेलेस्ट ने कहा कि उनके परिवार ने शिवम को लेकर पूरी तरह से सहमति जताई है और उन्हें कोई भी जाति या संस्कृति का भेदभाव महसूस नहीं हुआ। उनके लिए इंसानियत सबसे महत्वपूर्ण है। वहीं, शिवम के परिवार ने भी सेलेस्ट को खुले विचारों से अपनाया और हर कदम पर उनका समर्थन किया, जिससे उनका रिश्ता मजबूत होता गया। इस अनोखी लव स्टोरी से यह सिखने को मिलता है कि अगर दिल से प्यार हो, तो वह किसी भी सीमा को पार कर सकता है और सच्चे रिश्ते का निर्माण कर सकता है।