Edited By Anil Kapoor,Updated: 10 Feb, 2025 06:54 AM
![president draupadi murmu will visit the maha kumbh mela area today](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_06_53_185467380droupadimurmu-ll.jpg)
Mahakumbh 2025: देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को यानी आज (10 फरवरी) प्रयागराज के तीर्थराज संगम में आकर उसकी पावन धरा पर कदम रखेंगी। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू संगम में स्नान करेंगी और धार्मिक स्थलों का दर्शन भी करेंगी। वह...
Mahakumbh 2025: देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को यानी आज (10 फरवरी) प्रयागराज के तीर्थराज संगम में आकर उसकी पावन धरा पर कदम रखेंगी। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू संगम में स्नान करेंगी और धार्मिक स्थलों का दर्शन भी करेंगी। वह करीब 8 घंटे तक प्रयागराज में रहेंगी, इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ होंगे।
राष्ट्रपति मुर्मू का शेड्यूल
राष्ट्रपति मुर्मू सुबह लगभग 10 बजे संगम तट पहुंचेंगी और त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर सनातन आस्था को मजबूती प्रदान करेंगी। यह ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि इससे पहले भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था।
अक्षयवट और हनुमान मंदिर का दर्शन
संगम में स्नान करने के बाद राष्ट्रपति अक्षयवट का दर्शन-पूजन करेंगी। अक्षयवट को सनातन संस्कृति में अमरता का प्रतीक माना जाता है और यह हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण स्थल है। इसके बाद राष्ट्रपति बड़े हनुमान मंदिर जाएंगी, जहां वे पूजा-अर्चना कर देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।
डिजिटल महाकुंभ का अवलोकन
राष्ट्रपति मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का समर्थन करते हुए डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी। यहां महाकुंभ मेला की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से श्रद्धालुओं तक पहुंचाई जा रही है। यह केंद्र देश-विदेश के श्रद्धालुओं को महाकुंभ के अद्भुत अनुभव को और करीब से महसूस करने का अवसर प्रदान करेगा।
सुरक्षा व्यवस्था और राष्ट्रपति का प्रस्थान
राष्ट्रपति मुर्मू शाम करीब पौने 6 बजे प्रयागराज से वापस नई दिल्ली के लिए रवाना होंगी। इस दौरान प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल प्रयागराज बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणादायी क्षण साबित होगा। उनकी उपस्थिति से महाकुंभ के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को एक नई ऊंचाई मिलेगी।