HC ने चारधाम में सुविधाओं के विस्तार मामले में की सुनवाई, BKTC से 3 सप्ताह में मांगा जवाब

Edited By Nitika,Updated: 20 Aug, 2019 12:15 PM

hc hearing in chardham extension of facilities

उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट के द्वारा ऐतिहासिक चारधाम तीर्थयात्रा में सुविधाओं के विस्तार के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने बीकेटीसी (बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर कमेटी) और उत्तरकाशी की जिला पंचायत को 3 सप्ताह के भीतर जवाब...

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट के द्वारा ऐतिहासिक चारधाम तीर्थयात्रा में सुविधाओं के विस्तार के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने बीकेटीसी (बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर कमेटी) और उत्तरकाशी की जिला पंचायत को 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। वहीं मामले में अगली सुनवाई 3 सप्ताह के बाद होगी।

जानकारी के अनुसार, इससे पहले सोमवार को सरकार की ओर से विभिन्न बिन्दुओं पर कोर्ट में जवाब पेश किया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि पर्वतीय क्षेत्र होने के चलते चारधाम यात्रा मार्गों और पैदल रास्तों का चौड़ीकरण संभव नहीं है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण ही पैदल रास्ते और मार्ग फिसलन भरे होते हैं। वहीं मुम्बई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति केआर श्रीराम के पत्र पर उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका दायर की है। दरअसल न्यायमूर्ति श्रीराम 3 महीने पहले मई में अपने परिवार के साथ चारधाम की यात्रा पर आए थे। इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि यात्रा मार्ग में तमाम दिक्कतें हैं। इसके बाद उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र लिखकर चारधाम यात्रा में यात्रियों को होने वाली असुविधाओं से अवगत करवाया।

वहीं कोर्ट ने इसी पत्र का संज्ञान लेते हुए इस मामले में जनहित याचिका दायर कर ली। अपने पत्र में न्यायमूर्ति श्रीराम ने लिखा कि यमुनोत्री में रास्ते खराब एवं संकरें हैं। रास्ते फिसलन भरे हैं। यात्रा मार्गों में सुरक्षाकर्मियां एवं पुलिस की भारी कमी है। न तो मार्गों में बिजली उपलब्ध है और न ही मोबाइल नेटवकर् उपलब्ध होता है। लंबी यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के लिए आराम के लिए उपयुक्त व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। केदारनाथ हवाई यात्रा के दौरान भी यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस दौरान यात्रियों के बैठने के लिए उपयुक्त सुविधा नहीं है। बुजुर्ग यात्रियों को धूप में घंटों इंतजार करना पड़ता है। सरकार को इन सुविधाओं में तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।

बता दें कि मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने इससे पहले राज्य सरकार और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति से जवाब मांगा था। साथ ही उत्तरकाशी की जिला पंचायत को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था। सोमवार को बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से जवाब पेश करने के लिए और समय की मांग की गई। कोर्ट ने मंदिर समिति और जिला पंचायत को 3 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।








 

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