Edited By Nitika,Updated: 18 Jul, 2019 02:24 PM
उत्तराखंड में मानवता को शर्मसार करता हुआ एक मामला सामने आया है, जहां पर पैसों का इंतजाम ना होने के कारण एक गर्भवती महिला अपनी कोख में 10 दिनों तक मरा हुआ बच्चा लेकर तड़पती रही लेकिन सरकारी अस्पताल में उस महिला पर किसी को तरस नहीं आया।
देहरादूनः उत्तराखंड में मानवता को शर्मसार करता हुआ एक मामला सामने आया है, जहां पर पैसों का इंतजाम ना होने के कारण एक गर्भवती महिला अपनी कोख में 10 दिनों तक मरा हुआ बच्चा लेकर तड़पती रही लेकिन सरकारी अस्पताल में उस महिला पर किसी को तरस नहीं आया। वहीं किसी समाजसेवी संस्था के द्वारा उसकी जान बचाई गई।
जानकारी के अनुसार, मामला राजधानी के दून महिला अस्पताल का है, जहां पर 10 दिन पहले हरिद्वार निवासी सुनीता के गर्भ में ही बच्चे की मौत होने पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सुनीता की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन के लिए कहा। इसके साथ ही पति विष्णु से खून का इंतजाम करने को कहा गया लेकिन आर्थिक तंगी होने के कारण पति खून का इंतजाम नहीं कर पाया।
वहीं एक युवक के द्वारा महिला को मदद करने का आश्वासन दिया गया। इस पर युवक ने अस्पताल के कर्मचारियों स 7 हजार रुपए का चंदा एकत्रित किया और पानी लेने का बहाना बनाकर फरार हो गया। बता दें कि मामले की जानकारी समाजसेवी को दी गई। इस पर समाजसेवी के द्वारा अस्पताल में पहुंचकर रक्तदान किया गया। इसके बाद महिला का ऑपरेशन किया गया और उसकी जान बचाई गई।