Edited By Mamta Yadav,Updated: 30 Jul, 2025 09:46 PM

उत्तर प्रदेश पुलिस की एक और चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है, जिसने ना केवल पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि एक निर्दोष व्यक्ति को अन्याय का शिकार बना दिया। मिर्जापुर जिले के रसूलागंज निवासी शोहेब अहमद को पुलिस ने उसके मृतक भाई के नाम पर...
Mirzapur News: उत्तर प्रदेश पुलिस की एक और चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है, जिसने ना केवल पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि एक निर्दोष व्यक्ति को अन्याय का शिकार बना दिया। मिर्जापुर जिले के रसूलागंज निवासी शोहेब अहमद को पुलिस ने उसके मृतक भाई के नाम पर जारी वारंट के तहत गलती से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मृतक पर था वारंट, जीवित भाई को भेजा गया जेल
पुलिस ने 26 जुलाई 2025 को एक ग़लत गैर-जमानती वारंट के आधार पर शोहेब को हिरासत में लिया। दरअसल, यह वारंट उसके भाई मोहम्मद सोहेल खां के खिलाफ था, जिसकी मृत्यु 30 मार्च 2017 को ही हो चुकी थी। 9 साल पुराने मामले में कोर्ट ने 2016 में सोहेल के खिलाफ वारंट जारी किया था।
कोर्ट में पेश साक्ष्यों से हुआ खुलासा
शोहेब अहमद ने कोर्ट में मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज पेश कर यह साबित किया कि जिस शख्स के नाम पर गिरफ्तारी हुई है, वह अब इस दुनिया में नहीं है। अदालत ने 28 जुलाई 2025 को शोहेब की रिहाई का आदेश दिया। साथ ही, गिरफ्तारी करने वाले नारायणपुर चौकी प्रभारी अजय कुमार मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पुलिस की दलीलों को नहीं मिली मान्यता
शोहेब ने बार-बार पुलिस से कहा कि उसका किसी मामले से कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी कानून की अनदेखी करते हुए उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस की यह भूल तब उजागर हुई जब अदालत ने रिकॉर्ड खंगाले और पाया कि असली आरोपी मृत घोषित हो चुका है।
SSP ने दिए जांच के आदेश, अधिकारी तलब
मामले के सामने आने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं और इसकी जिम्मेदारी क्षेत्राधिकारी मंजरी राव को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की बात कही गई है।