Edited By Imran,Updated: 28 Sep, 2022 05:01 PM

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने बुधवार को यहां आए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार सत्ता के नशे में सोई हुई है और इसे जगाने के प्रयास वह...
प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने बुधवार को यहां आए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार सत्ता के नशे में सोई हुई है और इसे जगाने के प्रयास वह प्रयागराज से दिल्ली तक करेंगे।
यहां आंदोलनरत छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कुंदन ने कहा, “सत्ता के ओवरडोज से यह सरकार गहरी नींद में है। सरकार फीस बढ़ाकर चाहती है कि किसी गरीब, मजदूर और पिछड़े का बेटा उच्च शिक्षा हासिल न कर ले।” उन्होंने कहा, “भाजपा और आरएसएस के राष्ट्रवाद में गरीबों से शिक्षा का हक छीना जा रहा है। जियो विश्वविद्यालय की एक ईंट तक नहीं लगी, उसकी बिल्डिंग तक नहीं बनी, लेकिन उसको यह सरकार मान्यता दे देती है। जिस तरह से एक-एक कर सबकुछ बेचा जा रहा है, उसी तरह से हमारे सरकारी विश्वविद्यालयों को भी सरकार बेचना चाहती है।” कुंदन ने कहा, “सरकार ने हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन आदि बेच दिए, अगला निशाना विश्वविद्यालय है। पिछले आठ सालों में अगर किसी का विकास हुआ है तो इन उद्योगपतियों का विकास हुआ है। अडानी, अंबानी का विकास हुआ है।
आज अडानी विश्व का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति बन चुका है।” इससे पूर्व, छात्राओं ने सभा को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय में विभिन्न मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते आ रही समस्याएं गिनाईं।बीए की छात्रा रजनी ने कहा, ‘‘ जब इस विश्वविद्यालय को पहली महिला कुलपति मिलीं तो हमने सोचा कि वह एक नया इतिहास रचेंगी। लेकिन उन्होंने तो 300 प्रतिशत फीस वृद्धि का इतिहास रच दिया।'' एक अन्य छात्रा रेनू पासवान ने कहा कि महिला छात्रावास में गंदगी का यह आलम है कि चलते फिरते मच्छर काटते हैं। एमए की छात्रा स्वाति सिंह ने कहा, ‘‘ विश्वविद्यालय में पीरियड (माहवारी) हो जाए तो पैड बदलने के लिए शौचालय नहीं है। शौचालय में ताले लगे हैं। छात्राएं कब से पिंक शौचालय की मांग करती रही हैं, लेकिन विश्वविद्यालय की कुलपति महिला होने के बावजूद वह महिलाओं की दिक्कत नहीं समझतीं।'' इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र पिछले 22 दिनों से फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर की शिक्षा की फीस प्रति छात्र 975 रुपये प्रतिवर्ष थी जिसे हाल ही में 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 4,151 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। इस फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग को लेकर विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं।