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ममता कुलकर्णी ने क्यों अपनाया संन्यास का रास्ता? अभिनेत्री ने खुद ही बताई सच्चाई

Edited By Ramkesh,Updated: 25 Jan, 2025 02:42 PM

why did mamta kulkarni take the path of renunciation the actress

बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने के निर्णय ने सभी चौंका दिया है। हालांकि लोगों ने मन अब बड़ा सवाल उठ रहा होगा कि आखिरकार उन्होंने संन्यास का...

महाकुंभ नगर: बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने के निर्णय ने सभी चौंका दिया है। हालांकि लोगों ने मन अब बड़ा सवाल उठ रहा होगा कि आखिरकार उन्होंने संन्यास का रास्ता क्यों चुना। इस सवाल का जवाब ममता कुलकर्णी ने खुद बताया है। उन्होंने कहा कि  “किन्नर अखाड़ा के मध्यम मार्गी होने के कारण मैं इसमें शामिल हुई। मुझे बॉलीवुड में वापस नहीं जाना था, इसलिए 23 साल पहले मैंने बॉलीवुड छोड़ दिया। अब मैं स्वतंत्र रूप से मध्यम मार्ग अपनाते हुए सनातन धर्म का प्रचार करूंगी। मैं इससे पूर्व 12 साल पहले यहां महाकुंभ में आई थी।

आनंद की अनुभूति के लिए संन्यास
 उन्होंने कहा, “स्वामी महेंद्रानद गिरि, इंद्र भारती महाराज और एक अन्य महाराज मेरे सामने ब्रह्मा विष्णु महेश के रूप में सामने आ गए। मेरे मन ने कहा कि तुमने 23 साल तपस्या की तो इसका सर्टिफिकेट (महामंडलेश्वर का पद) तो बनता ही है।” अपने फिल्मी सफर के बारे में उन्होंने कहा, “मैंने 40-50 फिल्मों में अभिनय किया और फिल्म जगत को छोड़ते समय मेरे हाथ में 25 फिल्में थीं। मैंने किसी परेशानी में आकर संन्यास नहीं लिया, बल्कि आनंद की अनुभूति करने के लिए संन्यास लिया।

वैदिक मंत्रोच्चार  के बाद बनी महामंडलेश्वर
आप को बता दें कि नगर बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन को छोड़कर बैराग्या कर रास्ता चुना है। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां ने बताया कि ममता कुलकर्णी ने आज गंगा में डुबकी लगाई और गंगा के तट पर अपना पिंडदान किया। उनके मुताबिक, शाम करीब आठ बजे किन्नर अखाड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महामंडलेश्वर के रूप में उनका पट्टाभिषेक किया गया।

किन्नर अखाड़ा ने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को दिया नया नाम
 उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य किन्नर महामंडलेश्वरों की उपस्थिति में सबसे पहले पांच महामंडलेश्वरों- गिरनारी नंद गिरि, कृष्णानंद गिरि, राजेश्वरी नंद गिरि, विद्या नंद गिरि और नीलम नंद गिरि का पट्टाभिषेक किया गया। कौशल्या नंद गिरि ने बताया कि इसके बाद फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें नया नाम यमाई ममता नंद गिरि दिया गया है। पट्टाभिषेक के बाद लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने घोषणा की कि ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा की महिला शाखा में महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें नया नाम यमाई ममता नंद गिरि दिया गया।

चैतन्य गगन गिरि महाराज से 23 साल पूर्व ली थी दीक्षा
पट्टाभिषेक के बाद संवाददाता सम्मेलन में ममता कुलकर्णी ने बताया कि उन्होंने कुपोली आश्रम में जूना अखाड़ा के चैतन्य गगन गिरि महाराज से 23 साल पूर्व दीक्षा ली थी और वह दो साल से लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में हैं। उन्होंने बताया, “लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मेरी 23 साल की तपस्या को समझा और स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने मेरी परीक्षा ली जिसमें मैं उत्तीर्ण हुई। मुझे नहीं पता था कि पिछले तीन दिनों से मेरी परीक्षा ली जा रही है। मुझे कल ही महामंडलेश्वर बनाने का न्योता मिला। फिलहाल अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने गृहस्थ जीवन को छोड़कर अब संन्यास का रास्ता चुन लिया है। जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है। 

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