केंद्रीय करों में बढ़ी यूपी की हिस्सेदारी, जानिए किस विभाग को कितनी मिली हिस्सेदारी

Edited By Ramkesh,Updated: 24 Jul, 2024 12:39 PM

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कृषि से लेकर आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने वाले केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विकास को भी गति देने का प्रयास किया गया है। इस बजट में यूपी के विकास के लिए 25000 करोड़ से ज्यादा का बजट अंटित किए गए हैं।  जिसमें से 2.3 लाख करोड रुपए...

लखनऊ, (अश्ववनी कुमार सिंह) : कृषि से लेकर आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने वाले केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विकास को भी गति देने का प्रयास किया गया है। इस बजट में यूपी के विकास के लिए 25000 करोड़ से ज्यादा का बजट अंटित किए गए हैं।  जिसमें से 2.3 लाख करोड रुपए केंद्रीय करो और शुल्कों में हिस्सेदारी दी गई है। 45 लाख के करीब पीएम आवास,ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह को लखपति दीदी बनाने की योजना को गति देने के लिए भी बजट में प्रबंध किए गए हैं।  वहीं पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली योजना से यूपी के 20 लाख परिवारों को जोड़ा जा सकेगा इस दिशा में कार्य के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। केंद्र साहित्य योजनाओं में यूपी को 96 हजार करोड़ मिले।विकसित भारत योजना में यूपी को 14000 करोड़। विशेष योजनाओं में यूपी को 17939 करोड़। इस बजट में लगभग यूपी के करीब 2.62 लाख करोड़ ज्यादा किसानों को लाभ मिलेगा।

 विपक्षी दलों ने बजट को नकारा
 विपक्षी दलों ने मंगलवार को सरकार पर ‘कॉपी-पेस्ट' और ‘सरकार बचाओ' बजट पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसमें नौजवानों, किसानों तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों की अनदेखी की गई है। कांग्रेस ने कटाक्ष करते कहा कि सरकार को मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के विपक्षी पार्टी के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है।

 किसान की आय दोगुनी करने के लिए कोई योजना नहीं: अखिलेश
अखिलेश यादव ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बजट से आम जनता के लिये नाउम्मीदी का पुलिंदा है जिसने लोगों को निराश किया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने दस साल में बेरोजगारी बढ़ायी है। नौजवान पक्की नौकरी चाहता है। यह सरकार आधी अधूरी नौकरी का सपना दिखा रही है। भाजपा सरकार के ग्यारहवें बजट में बेरोजगारी, महंगाई, किसान, महिला, युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है। किसान की आय दोगुनी करने के लिए कोई योजना नही। मंडियों के लिए बजट में कुछ नहीं है। खाने-पीने की चीजों से लेकर सब चीजों की महंगाई आसमान पर है। सरकार महंगाई नहीं कम करना चाहती है। बजट में गरीबों और महिलाओं के विकास के लिए कोई योजना नहीं है। मंडी और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाए बिना किसानों को लाभ नहीं मिल सकता है।

नाउम्मीदी का पुलिंदा है आम बजट: अखिलेश
 उन्होंने कहा ‘‘ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है। शुक्र है कि इंसान इन हालातों में भी जिंदा है।‘यादव ने कहा कि केन्द्रीय बजट में बिहार और आन्ध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिया गया है। सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार, आन्ध्र प्रदेश को कुछ विशेष योजनाओं से जोड़ा गया लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा प्रदेश जो प्रधानमंत्री देता है क्या वहां के किसान के लिए कुछ बड़े फैसले हुए? भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक बार फिर धोखा दिया है। उन्होने केंद्र सरकार से सवाल किया कि जनता ने जब तीसरी बार चुनकर भेजा है तो बजट के माध्यम से पक्की नौकरी के लिए क्या इंतजाम है। क्या हॉट्रीकल्चर क्रॉप्स के लिए आपके पास कोई एमएसपी देने का इंतजाम है।

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