Edited By Mamta Yadav,Updated: 06 Jul, 2023 04:19 PM

योगी सरकार से बजट मिलते ही यूपी एसटीएफ ने आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम को ख़रीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे संगीन वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात शूटर व अपराधी अब एसटीएफ की नजरों से नहीं बच सकेंगे।...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सारकार (Yogi Sarkar) की जीरो टॉलरेंस नीति (zero tolerance policy) पर काम कर रही यूपीएसटीएफ (UPSTF) अब बहुत जल्द ही नए कलेवर और नई ताकत के साथ दिखेगी। हाल ही में मुख्यमंत्री ने अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई को और तेज करने के लिए यूपीएसटीएफ को लेकर समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उन्होंने यूपीएसटीएफ द्वारा प्रदेश के दुर्दांत अपराधियों, अवैध हथियार तस्करों, अवैध नशे के सौदागरों, परीक्षा माफिया और फर्जी शिक्षकों समेत आतंकवादियों के खिलाफ ताबड़तोड़ की जा रही कार्रवाई पर प्रसन्नता जाहिर की। समीक्षा बैठक में सरकार ने एसटीएफ को और मज़बूत करने के लिए बजट जारी कर दिया है।

3 करोड़ से ख़रीदा जा रहा AI बेस्ड क्रिमिनल डाटा सिस्टम
बता दें कि योगी सरकार से बजट मिलते ही यूपी एसटीएफ ने आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम को ख़रीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे संगीन वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात शूटर व अपराधी अब एसटीएफ की नजरों से नहीं बच सकेंगे। चंद सेकंड में उनकी पहचान के साथ पूरी कुंडली पुलिस अधिकारियों के सामने होगी। इस तकनीक के जरिए घटना का जल्द खुलासा करने के साथ उसे अंजाम देने वाले अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में देर नहीं लगेगी। यूपी एसटीएफ करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से जल्द आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम स्थापित करने जा रही है। इसकी निविदा जारी होने के बाद चार कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है।

चंद सेकेंडों में अपराधी का चेहरा हो सकेगा मिलान
गौरतलब है कि तेलंगाना के बाद यूपी पुलिस में ऐसा अत्याधुनिक सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम में अपराधियों का पूरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे पहले क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए ये काम किया जाता था। आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस के साथ अपराधियों का डाटाबेस जोड़ने से उनके चेहरे का मिलान चंद सेकंड में पूरे रिकॉर्ड से करते हुए किस चेहरे से कितने प्रतिशत मिलान हो रहा है, इसकी जानकारी सामने होगी। साथ ही उनकी आवाज, घटना को अंजाम देने का तरीका, पारिवारिक और आपराधिक पृष्ठभूमि का पूरा ब्योरा भी तुरंत मिल जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी को वर्चुअल कॉल के जरिए धमकी देता है तो उसकी आवाज को ये सिस्टम आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस की मदद से डाटाबेस में फीड लाखों आवाज से मैच करके सही व्यक्ति की पहचान कर लेगा।