Edited By Ramkesh,Updated: 15 Jun, 2023 05:13 PM

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उत्तर प्रदेश में बिजली संगठन से जुड़े हुए पदाधिकारियों की अब मुश्किलें बढ़ सकती है। दअरसल, मार्च में हुई बिजली हड़ताल को लेकर अब योगी सरकार एक्शन के मूड में दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि हड़ताल में शामिल सभी...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली संगठन से जुड़े हुए पदाधिकारियों की अब मुश्किलें बढ़ सकती है। दअरसल, मार्च में हुई बिजली हड़ताल को लेकर अब योगी सरकार एक्शन के मूड में दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि हड़ताल में शामिल सभी पदाधिकारियों की संपत्ति की जांच होगी। विजिलेंस ने बिजली कंपनियों से सभी कर्मचारियों के मूल दस्तावेज मांगे है। संगठन के बड़े नेता चंद्र भूषण उपाध्याय और मोहम्मद वसीम, जितेंद्र सिंह, प्रभात सिंह, जय प्रकाश भारतीय की मुश्किलें बढ़ सकती है। हड़ताल के लिए उकसाने वालों को निलंबित किया गया था। हड़ताल पर रोक के बाद भी कई संगठन हड़ताल पर गए थे। उसके बाद सरकार ने कई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था।

बता दें कि मार्च में बिजली कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे। विद्युत कर्मियों की इस हड़ताल पर हाईकोर्ट के सख्त कदम उठाने के कुछ घंटों बाद ही यूपी सरकार ने सख्त रवैया अपनाया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने 650 आउटसोर्सिंग संविदाकर्मियों के सेवा समाप्त कर दी थी। जिन कर्मियों की सेवा समाप्त हुई है, उनमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 242 कर्मी, मध्यांचल वितरण निगम 110 कर्मी, पश्चिमांचल में 60 और दक्षिणांचल 38 कर्मचारी शामिल थे। हालांकि ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद सभी कर्मचारी काम पर लोग आए थे।
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बिजली कर्मियों ने 16 मार्च को पूरे प्रदेश में 72 घंटे के लिए हड़ताल (strike) करने का ऐलान कर दिया है। हड़ताल का एलान करते हुए उन्होंने योगी सरकार से कहा है कि यदि हमारी मांगे 16 मार्च तक पूरी नहीं होगी तो उसी रात 10:00 बजे से सभी ऊर्जा निगम के बिजली कर्मचारी जूनियर इंजीनियर संविदा (Electricity Employees Junior Engineer Contract) कर्मी 72 घंटे के हड़ताल पर चले जाएंगे।