Edited By Ajay kumar,Updated: 20 Aug, 2019 09:49 AM
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को कहा कि यह प्रदेश उपयुक्त सरकारी प्रोत्साहनों के साथ गन्ना और चीनी उत्पादन में पुन: देश में पहला स्थान प्राप्त किया है ।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को कहा कि यह प्रदेश उपयुक्त सरकारी प्रोत्साहनों के साथ गन्ना और चीनी उत्पादन में पुन: देश में पहला स्थान प्राप्त किया है । यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को दी गयी सुविधाओं के परिणामस्वरूप गत दो वर्षों में प्रदेश में गन्ने की औसत उपज 72.38 से बढकर 80.5 टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है जिससे प्रति हेक्टेयर 8.12 टन अतिरिक्त गन्ने का उत्पादन हुआ।
विज्ञप्ति में बताया गया कि उत्पादकता में बढोतरी से किसानों की आय में औसत 320 रूपये प्रति कुन्तल की दर से 25,984 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुयी है। विगत दो वर्षों में 8.4 लाख हेक्टेअर गन्ने के खेत में कोई न कोई अंतः-फसल की भी खेती की गयी इससे कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुयी है। विज्ञप्ति के मुताबिक गत दो वर्षों में प्रदेश की मिलों ने रिकार्ड 2140.20 लाख टन गन्ने की पेराई की, जबकि इससे पूर्व के तीन वर्षों की गन्ना पेराई 2217.36 लाख टन की गयी है जो लगभग बराबर है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के परिणामस्वरूप गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने पुनः दूसरी बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है । विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में पेराई सत्र 2018-19 में 18 अगस्त, 2019 तक प्रदेश के 38 लाख गन्ना किसानों को 25, 506 करोड़ रूपये का भुगतान कराया गया है, जो एक रिकार्ड है । वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा दो वर्षों में गन्ना किसानों को कुल 71, 565 करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है ।