Edited By Imran,Updated: 04 Jan, 2025 02:47 PM
आस्था के सबसे बड़े मेले महाकुम्भ के लिए कई अनोखे बाबा संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ऐसे में इन दिनों आवाहन अखाड़े के एक खड़ेश्वरी बाबा लोगों के ख़ास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
प्रयागराज ( सैय्यद आकिब रज़ा ): आस्था के सबसे बड़े मेले महाकुम्भ के लिए कई अनोखे बाबा संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ऐसे में इन दिनों आवाहन अखाड़े के एक खड़ेश्वरी बाबा लोगों के ख़ास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हरियाणा के हिसार से आए रमेश पुरी उर्फ खड़ेश्वरी महाराज पिछले साढे 8 सालों से लगातार किसी न किसी के सहारे खड़े हुए हैं। इन साढ़े 8 सालों में वह एक पल के लिए भी न तो बैठे हैं और ना ही लेटे हैं। आवाहन अखाड़े के यह हठयोगी खड़े होकर पूजा- पाठ करते हैं, इसी पर खाना खाते हैं और खड़े - खड़े ही सो भी लेते हैं। बाबा ने अपना पूरा जीवन खड़े होकर ही बिताने का यह कठिन फैसला विश्व शांति, देश कल्याण और सनातन धर्म को बचाने के लिए लिया है।
प्रयागराज के महाकुम्भ मेले में तमाम ऐसे हठयोगियों ने डेरा जमाया हुआ है जो साधना के अनूठे तौर- तरीको के चलते हज़ारों साधुओं की भीड़ में भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। इन्हीं हठयोगियों में एक हैं आवाहन अखाड़े के महंत खड़ेश्वरी महाराज। विश्व शांति, देश कल्याण और सनातन धर्म को बचाने की खातिर महंत रमेश पुरी खड़ेश्वरी महाराज ने साढ़े 8 साल पहले एक अनूठा फैसला लिया था। उन्होंने अपने गुरु को वचन दिया था कि जब तक विश्व शांति, देश कल्याण और सनातन धर्म को बचाया नहीं जाएगा तबतक जीवन भर वह खड़े होकर ही बिताएंगे। ऐसे में आवाहन अखाड़े में जो भी श्रद्धालु आता है हठयोगी बाबा के संकल्प को देखकर दंग रह जाता है । श्रद्धालु गिरधारी झा का कहना है कि हठ योगी बाबा को देखकर आश्चर्य होता है कि इतने वर्षों तक कोई सिर्फ खड़े रहकर जीवन व्यतीत कर रहा हो।
आपको बता दें रमेशपुरी महाराज न तो एक पल के लिए बैठेंगे और ना ही कभी लेटेंगे। चौबीसों घंटे वह किसी न किसी के सहारे खड़े रहते हैं। खड़े होकर ही ईश्वर की आराधना करते हैं, खड़े होकर ही भोजन करते हैं और खड़े- खड़े ही नींद भी पूरी कर लेते हैं।