Edited By Ramkesh,Updated: 31 Jul, 2024 11:14 AM
उत्तर प्रदेश में परीक्षाओं को पारदर्शी और शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए योगी सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों और पेपर लीक की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण)...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में परीक्षाओं को पारदर्शी और शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए योगी सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों और पेपर लीक की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक-2024 को विधानसभा में मंगलवार को विधानसभा में पास कर दिया गया। नए कानून के तहत योगी सरकार नकल माफिया पर भी नकेल कसेगी। अब परीक्षा में नकल व पेपर लीक कराने वाले गिरोह के सदस्यों के विरुद्ध कठोरतम कारर्वाई हो सकेगी। इनमें न्यूनतम दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक का सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पहले भी पेपर लीक जैसे मामलों पर कड़े कदम उठा चुकी है और अब इस विधेयक का पास होना इस क्रम में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी पास हुआ।
आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने को लेकर उप्र प्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों जैसे-प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि रोकने के लिए उप्र सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश लाया है। उप सचिव वीरेंद्र मणि त्रिपाठी के अनुसार अध्यादेश के तहत अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना, नकल कराना, प्रश्नपत्र का प्रतिरुपण करना, या प्रकट करना, षड्यंत्र करना अपराध की श्रेणी में आते हैं। ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा, दोनों ही हो सकती है।