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बरेली मांझा फैक्ट्री ब्लास्ट केस: धमाके के समय पिता से बात कर रही थी बेटी, सुनाई दिल दहला देने वाली कहानी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Feb, 2025 12:30 PM

the daughter was talking to her father at the time of the blast

Bareilly News: बरेली में एक दर्दनाक घटना में, धमाका होने से कुछ मिनट पहले अतीक रजा की छोटी बेटी इकरा ने अपने पिता को फोन किया। उसने कहा कि उसे अपने स्कूल के शिक्षक का नंबर चाहिए क्योंकि उसे एडमिट कार्ड लेने जाना था। जब तक पिता अतीक नंबर भेज पाते, तब...

Bareilly News: बरेली में एक दर्दनाक घटना में, धमाका होने से कुछ मिनट पहले अतीक रजा की छोटी बेटी इकरा ने अपने पिता को फोन किया। उसने कहा कि उसे अपने स्कूल के शिक्षक का नंबर चाहिए क्योंकि उसे एडमिट कार्ड लेने जाना था। जब तक पिता अतीक नंबर भेज पाते, तब तक धमाका हो गया। धमाके की आवाज सुनकर पहले तो ऐसा लगा कि पड़ोस में ट्रांसफार्मर फटा है, लेकिन जब स्थिति स्पष्ट हुई, तब इकरा की बड़ी बहन नीचे आ चुकी थी। उसने अपने पिता का शव देखा और चीख पड़ी। उसकी आवाज सुनकर इकरा भी नीचे दौड़ी, जहां उसने अपने पिता और उनके 2 कारीगरों को गंभीर हालत में पाया।

अतीक रजा का परिवार
अतीक रजा, जो लगभग 56 वर्ष के थे, अपने परिवार के साथ बरेली में रहते थे। उनके परिवार में पत्नी फरहीन, बेटा लारिफ और 2 बेटियां इरम और इकरा हैं। अतीक लंबे समय से मांझा बनाने के कारोबार में थे, जो उनके पिता द्वारा शुरू किया गया था।

परीक्षाओं की तैयारी
इकरा ने बताया कि उसकी परीक्षाएं नजदीक हैं और स्कूल में एडमिट कार्ड बांटे जा रहे हैं। उसके पास शिक्षक का फोन नंबर नहीं था। जब उसने अपने पिता से फोन पर नंबर मांगा, तब अतीक ने कहा कि "अभी भेज रहे हैं," और इसके बाद धमाका हो गया। नीचे आकर इकरा ने देखा कि चारों ओर खून और मांस के टुकड़े बिखरे हुए थे, और उसके पिता गंभीर रूप से झुलसे हुए थे।

धमाके में 3 की दर्दनाक मौत
धमाका होते ही पूरे घर में लोगों की भीड़ लग गई। सूचना पर पुलिस आई, और पता चल चला कि अतीक और उनके साथी फैजान की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। सरताज, जो भी वहां था, उसे अस्पताल भेजा गया, लेकिन वहां पहुंचते-पहुंचते उसकी भी मौत हो गई।

फैजान की होने वाली थी शादी
फैजान, जो कि किशोर अवस्था से अतीक के साथ काम कर रहा था, को अतीक पर काफी भरोसा था। इकरा ने बताया कि हाल ही में फैजान की शादी तय हुई थी, जो इस साल होने वाली थी। फैजान की अचानक मौत ने सभी को शोक में डाल दिया।

सरल स्वभाव का था फैजान
फैजान के भाई रिजवान ने बताया कि वह बहुत सीधा इंसान था और किसी से ज्यादा मेलजोल नहीं रखता था। वह साधारण मोबाइल का भी इस्तेमाल नहीं करता था। शुक्रवार को पूरे बाकरगंज में मांझा बनाने वालों की छुट्टी होती है, इसलिए उस दिन कोई काम पर नहीं आया। यह घटना न केवल अतीक के परिवार के लिए, बल्कि पूरे मोहल्ले के लिए एक बड़ा सदमा है।

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