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America से बेटे के डिपोर्ट होने पर परिवार का छलका दर्द, कहा, 40 लाख रुपये देकर बेटे को भेजा था विदेश अब टूटा सपना

Edited By Ramkesh,Updated: 06 Feb, 2025 05:47 PM

three youths from up are among the indians who returned from america

अमेरिका से निर्वासित किये गये 104 भारतीयों में उत्तर प्रदेश के तीन लोग शामिल हैं। इनमें से दो मुजफ्फरनगर का जबकि एक पीलीभीत जिले का रहने वाला है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताय कि अमेरिका से वापस भेजे गये लोगों में से रक्षित बालियान...

मुजफ्फरनगर: अमेरिका से निर्वासित किये गये 104 भारतीयों में उत्तर प्रदेश के तीन लोग शामिल हैं। इनमें से दो मुजफ्फरनगर का जबकि एक पीलीभीत जिले का रहने वाला है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताय कि अमेरिका से वापस भेजे गये लोगों में से रक्षित बालियान (19) रसूलपुर जाटन गांव का जबकि देविंदर सिंह (38) मारकपुर गांव रहने वाला है, यह दोनों गांव मुजफ्फरनगर जिले में आता है।

सात महीने पहले अमेरिका बेटा गया था अमेरिका 
उन्होंने बताया कि गुरप्रीत सिंह (24) पीलीभीत जिले का रहने वाला है । रक्षित के पिता एवं पूर्व सैनिक सुधीर बालियान ने बताया कि उनका बेटा सात महीने पहले अमेरिका गया था और वहां एक निजी कंपनी में काम कर रहा था। उन्होंने कहा, ''रक्षित बी.टेक. की डिग्री हासिल करना चाहता है। इसीलिये उसके वापस आते ही हमने उसे फिर से पढ़ाई शुरू करने के लिये मेरठ भेज दिया है।'' बालियान ने बताया कि वह एक छोटे किसान हैं और उनके पास 20 बीघा कृषि भूमि है। अमेरिका से निर्वासित किये गये मुजफ्फरनगर के निवासी दूसरे व्यक्ति देविंदर सिंह के पिता कुलबीर सिंह ने बताया कि उनका बेटा दो महीने पहले अमेरिका गया था। वहां पहुंचने के फौरन बाद उसे पकड़ लिया गया और हिरासत शिविर में रखा गया।

विदेश भेजने के लिए एजेंटों को 40 लाख रुपये दिए
कुलबीर सिंह ने खुलासा किया कि उनके परिवार ने देविंदर को विदेश भेजने के लिए एजेंटों को 40 लाख रुपये दिए थे। उन्होंने कहा, ''देविंदर अपने परिवार के लिए धन कमाने अमेरिका गया था, लेकिन अब हमारा सारा धन खत्म हो गया है।'' अधिकारियों ने अभी तक निर्वासन की परिस्थितियों और उत्तर प्रदेश से निर्वासित लोगों के परिवारों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। उधर, पीलीभीत के बंजरिया गांव निवासी गुरप्रीत सिंह राज्य का तीसरा युवक है जिसे अमेरिका से वापस भेजा गया है। उसकी मां जसविंदर कौर ने संवाददाताओं को बताया कि वह 22 दिन पहले इंग्लैंड से अमेरिका पहुंचा था।

22 दिन पहले अमेरिका पहुंचा था बेटा 
कौर ने कहा कि उनका छोटा बेटा करीब दो साल पहले इंग्लैंड गया था। उन्होंने कहा कि 22 दिन पहले उसने अपने परिवार को फोन पर बताया था कि वह अवैध रास्ते से अमेरिका पहुंच गया है। हालांकि, उसके बाद परिवार का उससे पूरा संपर्क टूट गया। उन्होंने बताया कि गुरप्रीत तीन भाइयों में सबसे छोटा है। उसका बड़ा भाई गुरदेव उर्फ गुरजीत भारतीय सेना में सेवारत है। गुरदेव शादीशुदा है, जबकि गुरप्रीत अपने माता-पिता जसविंदर कौर और गुरमेल सिंह के साथ रहता है।

दिल्ली पुलिस ने यूपी पुलिस को सौंपा 
गांव के प्रधान डॉक्टर गुरदेव सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि बुधवार को उसे पंजाब ले जाया गया और बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप देगी। उन्होंने बताया कि उन्हें बृहस्पतिवार को गुरप्रीत को दिल्ली पुलिस को सौंपे जाने की सूचना मिली थी और अब उसे प्रदेश पुलिस को सौंप दिया जाएगा। हालांकि, पूरनपुर कोतवाली के पुलिस निरीक्षक गजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।

 

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