Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Oct, 2019 09:18 AM
देश में कारपोरेट क्षेत्र की पहली सवारी गाड़ी तेजस एक्सप्रेस का गुरूवार को पहला सफर सुहाना नहीं रहा। लखनऊ जंक्शन से उत्साह के साथ नई दिल्ली के लिये रवाना की गयी ट्रेन को अपने दूसरे पड़ाव गाजियाबाद में रेलकर्मियों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पडा।
गाजियाबाद: देश में कारपोरेट क्षेत्र की पहली सवारी गाड़ी तेजस एक्सप्रेस का गुरूवार को पहला सफर सुहाना नहीं रहा। लखनऊ जंक्शन से उत्साह के साथ नई दिल्ली के लिये रवाना की गयी ट्रेन को अपने दूसरे पड़ाव गाजियाबाद में रेलकर्मियों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पडा।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन द्वारा संचालित तेजस एक्सप्रेस लखनऊ जंक्शन से निर्धारित समय से करीब पौन घंटे के विलंब से रवाना हुयी थी। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर कुछ रेल कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया हालांकि रेलवे प्रशासन ने इसे तूल नहीं पकडने दिया और ट्रेन नई दिल्ली के लिये रवाना हो गई।
ट्रेन के गाजियाबाद पहुंचते ही रेलवे कर्मचारियों ने सैकडों की तादाद में विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच कुछ कर्मचारियों ने ट्रेन को रोकने का प्रयास किया। रेलवे कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार पर रेलवे के निजीकरण का आरोप लगाते हुये जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि रेलवे का निजीकरण चुनिंदा उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की गरज से किया जा रहा है जिससे कर्मचारियों के हितों का नुकसान तय है। इस दौरान सुरक्षा बलों ने हल्का बल प्रयोग कर कर्मचारियों को ट्रैक से किनारे किया और ट्रेन अपने गंतव्य के लिये रवाना हो गयी।