Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Feb, 2020 03:14 PM
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने पर उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल की रजामंदी पर कहा कि वक्फ बोर्ड मुसलमानों का प्रतिनिधि नहीं है और अगर वह भूमि लेता...
लखनऊः ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने पर उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल की रजामंदी पर कहा कि वक्फ बोर्ड मुसलमानों का प्रतिनिधि नहीं है और अगर वह भूमि लेता है तो इसे मुल्क के मुसलमानों का फैसला नहीं माना जाना चाहिए।
इस बीच, आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य यासीन उस्मानी ने मंत्रिमण्डल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बोर्ड, उससे जुड़ी प्रमुख तंजीमों और लगभग सभी मुसलमानों का फैसला है कि हम अयोध्या में कोई और जगह नहीं लेंगे। सुन्नी वक्फ बोर्ड मुसलमानों का नुमाइंदा नहीं है। वह सरकार की संस्था है। बोर्ड अगर जमीन लेता है तो इसे मुसलमानों का फैसला नहीं माना जाना चाहिये।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत 9 नवम्बर को अयोध्या मामले में निर्णय देते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण कराने और मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिये पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। हालांकि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिद के बदले कोई और जमीन लेने से इनकार कर दिया था।