Edited By Ajay kumar,Updated: 24 May, 2024 11:19 AM
![sixth phase the muscle power of raja bhaiya and dhananjay singh will be tested](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_11_12_146787858bahubali-ll.jpg)
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बाहुबली कहलाने वाले दो दिग्गजों के अचानक बदले मिजाज से चुनावी सरगर्मी बढ़ी हुई है। अब तक कई मौकों पर भाजपा के साथ खड़े राजा भैया ने अचानक सपा को समर्थन दे दिया तो वहीं बसपा से नाराज धनंजय सिंह खुलकर भाजपा उम्मीदवारों का...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बाहुबली कहलाने वाले दो दिग्गजों के अचानक बदले मिजाज से चुनावी सरगर्मी बढ़ी हुई है। अब तक कई मौकों पर भाजपा के साथ खड़े राजा भैया ने अचानक सपा को समर्थन दे दिया तो वहीं बसपा से नाराज धनंजय सिंह खुलकर भाजपा उम्मीदवारों का साथ देंगे। ऐसे में लोकसभा चुनाव के 6वें चरण में इन दोनों प्रभाव की ही नहीं भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता, विधायक और एमएलसी समेत भाजपा के सात सांसदों की अग्निपरीक्षा होनी है। 25 मई शनिवार को राज्य की 14 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है। हालांकि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और पूर्व सांसद धनंजय सिंह का एक क्षेत्र विशेष में ही प्रभाव है लेकिन इन दिनों ठाकुर राजनीति पर चल रही गुणा-गणित के बीच दोनों के अब भाजपा के सात सांसदों की अग्निपरीक्षा एक दूसरे के सामने होने से पूर्वांचल की राजनीति का प्रभावित होना स्वाभाविक है। खासकर प्रतापगढ़, कौशांबी और जौनपुर के साथ आसपास की लोकसभा सीटों का मुकाबला दिलचस्प होगा।
राजा भैया के प्रभाव को कम करने की कोशिशें तेज
राजनीति के चश्मे से देखा जाए तो राजा भैया की छवि क्षत्रिय नेता के रूप में भी है। प्रतापगढ़, कौशांबी में उनका प्रभाव है। उप्र. के चुनावी परिदृश्य में राजा भैया, धनंजय सिंह ही नहीं अन्य क्षत्रिय नेताओं जैसे बृजभूषण शरण सिंह, ब्रजेश सिंह, अभय सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऐसे में क्षत्रियों को साधने की जुगत लगा रहे सत्तासीन दल के लिए राजा भैया का विपक्ष के साथ खड़ा होना चुनौती है। संभवतः यही कारण रहा कि राजा भैया के प्रभाव को कम करने की कोशिशें तेज हैं। पहले धनंजय सिंह को आगे किया अब कौशांबी की चायल सीट से सपा की बागी विधायक पूजा पाल को सामने लाने की तैयारी है। यह लड़ाई अब राजा भैया बनाम अनुप्रिया पटेल होकर आगे मिर्जापुर तक भी पहुंच चुकी है। राजा भैया ने एमएलसी, राज्यसभा, राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा का साथ दिया और बदले में चाहा अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में मनमुताबिक उम्मीदवार जो मिला नहीं। वहीं, धनंजय ने अपनी जगह बसपा से पत्नी श्रीकला के लोस चुनाव का टिकट लिया जो कि ऐन वक्त पर कट गया। बसपा से नाराज होकर धनंजय, गृहमंत्री अमित शाह से मंच मिले और भाजपा के हो गए।
![we believe in completing tasks not in postponing them maneka gandhi](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_07_43_146749138menka-ll.jpg)
भाजपा के 7 सांसदों की अग्निपरीक्षा
छठे चरण में उप्र. की 14 लोकसभा सीटों में से सात सीटों पर भाजपा ने अपने सांसदों पर ही विश्वास किया। एक सीट पर बसपा से आए प्रत्याशी को टिकट दिया है। पांच सीटों पर नए प्रत्याशी उतारे गए है। सुल्तानपुर में सांसद मेनका गांधी, प्रतापगढ़ में सांसद संगमलाल गुप्ता, डुमरियागंज से सांसद जगदबिका पाल, बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी, संतकबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद, आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ व मछलीशहर से सांसद बीपी सरोज को टिकट दिया है।
कल इन 14 सीटों पर होगा मतदान :
सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती डुमरियागंज बस्ती, सन्त कबीर नगर, लालगंज (एससी) आजमगढ़, जौनपुर मछलीशहर (एससी) और भदोही सीट के लिए शनिवार को मतदान होगा।