विदेश से अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच के लिए SIT गठित, CM योगी का निर्देश

Edited By Imran,Updated: 23 Oct, 2023 05:09 PM

sit formed to investigate madrassas taking grants from abroad

उत्तर प्रदेश में संचालित करीब चार हजार मदरसों को विदेश से मिलने वाले अनुदान और इसका उपयोग किन गतिविधियों में किया गया, इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संचालित करीब चार हजार मदरसों को विदेश से मिलने वाले अनुदान और इसका उपयोग किन गतिविधियों में किया गया, इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। 

सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देश पर राज्य पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है जिसमें साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह और अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग की निदेशक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी जे रीभा को सदस्य बनाया गया है। 
एडीजी (एटीएस) मोहित अग्रवाल ने सोमवार को बातचीत में इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि एसआईटी गठित की गई और यह जांच की जाएगी। हालांकि, उन्होंने जांच के विस्तृत ब्योरे की जानकारी नहीं दी।

उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 24 हजार मदरसे हैं, जिनमें 16 हजार मान्‍यता प्राप्‍त और आठ हजार गैर मान्‍यता प्राप्‍त हैं। इनमें से उन मदरसों की जांच की जाएगी जो विदेश से अनुदान ले रहे हैं। यह भी जांच की जाएगी कि अनुदान की राशि का उपयोग किन मदों में किया गया है। सूत्रों ने बताया कि जांच के दायरे में करीब चार हजार मदरसे हैं और इसी सप्‍ताह नोटिस भेजना शुरू कर दिया जाएगा। उल्‍लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षों में नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में काफी संख्या में मदरसे खोले गये हैं। उत्तर प्रदेश के सात जिले महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत की सीमाएं नेपाल से लगती है। सूत्रों ने बताया कि एसआईटी अपनी जांच इन्हीं जिलों के मदरसों से शुरू कर सकती है। दरअसल, शिकायत मिली है कि विदेश से मदरसों को आर्थिक अनुदान दिया जाता है और इसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जाता है। हालांकि, पूर्व में भी मदरसों की विभागीय स्तर पर जांच हुई थी, लेकिन कोई खास नतीजा सामने नहीं आया। पिछले साल मदरसों के सर्वेक्षण के बाद, अधिकारियों ने पाया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के अधिकांश मदरसों को हाल ही में बड़ी धनराशि मिली थी, लेकिन वे इस राशि का सटीक हिसाब देने में असमर्थ थे।

सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ऐसे सभी मदरसों को नोटिस देगी और विदेशी मुद्रा अर्जन खातों (ईईएफसी) में हुए लेनदेन की जानकारी मांगेगी। इसके बाद उन मदरसों को सूचीबद्ध किया जाएगा जिन्हें विदेशों से धन मिल रहा है और फिर यह जांच की जाएगी कि धन किन देशों से भेजा गया तथा इसका इस्तेमाल किन गतिविधियों में किया गया है। एसआईटी इस बात की भी जांच करेगी कि क्या विदेशी धन का इस्तेमाल आतंक और जबरन धर्म परिवर्तन सहित किसी भी अवैध गतिविधि के लिए किया गया था या नहीं। 

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