Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Oct, 2023 11:31 AM

दीपावली से पहले रेल कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। रेलवे बोर्ड ने अपने कर्मचारियों के कैशलेस इलाज कराने पर रोक लगा दी है। जिसके बाद रेलकर्मी और सेवानिवृत्त कर्मियों में निराशा का माहौल है।
बरेली: दीपावली से पहले रेल कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। रेलवे बोर्ड ने अपने कर्मचारियों के कैशलेस इलाज कराने पर रोक लगा दी है। जिसके बाद रेलकर्मी और सेवानिवृत्त कर्मियों में निराशा का माहौल है। पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ (पीआरएसएस) के पदाधिकारियों ने आक्रोश जाहिर किया है। रेलवे बोर्ड ने कोरोना काल के दौरान यह सुविधा दो साल पहले शुरू की थी। जिसके जरिए रेलवे अस्पताल से बिना रेफर कराए निजी अस्पताल में उम्मीद कार्ड दिखाकर कैशलैस इलाज लिया जा सकता था।

रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने दिया योजना को बंद करने का आदेश-
रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर हेल्थ डॉ. एके मल्होत्रा ने पिछले सप्ताह सभी रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र जारी कर योजना को बंद करने का आदेश दिया था। इस आदेश को इज्जतनगर रेल मंडल में लागू कर दिया गया है। पीआरएसएस के कारखाना मंडल सचिव जेएस भदौरिया ने कहा कि इस सुविधा से कर्मचारी आपातकाल स्थिति के दौरान रेलवे से अनुबंधित प्राइवेट अस्पताल में कैशलैस इलाज ले सकते थे। कोई नकद भुगतान भी नहीं करना होता था । मगर रेलवे के इस आदेश से रेल कर्मचारियों को पहले इलाज के लिए किसी रेलवे अस्पताल में ही. भर्ती होना होगा।
20 हजार रेल एवं और सेवानिवृत कर्मचारी होंगे प्रभावित
इस आदेश से इज्जतनगर मंडल और कारखाना के लगभग 20 हजार रेल एवं और सेवानिवृत कर्मचारी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पहले ही रेलवे अस्पतालों को लैब, सीटी स्कैन, एमआरआई विशेषज्ञ डॉक्टरों स्थायी, फार्मासिस्टों, नर्सों, स्थाई एंबुलेंस सेवा से धीरे- धीरे वंचित किया गया। उधर इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि यह रेलवे बोर्ड का आदेश है, जो सभी जोन और मंडलों के साथ इज्जतनगर में भी लागू हुआ है।