Edited By Pooja Gill,Updated: 19 Jul, 2024 09:15 AM

Sawan 2024: जैसे-जैसे सावन महीने के आगमन की तिथियां नजदीक आ रही वैसे-वैसे शिव भक्त कांवड़ियों का उत्साह बढ़ता देखा जा रहा है। श्रावण मास के आगमन के साथ भगवान शिव के मंदिरों की साफ सफाई एवं साज सज्जा का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है...
Sawan 2024: जैसे-जैसे सावन महीने के आगमन की तिथियां नजदीक आ रही वैसे-वैसे शिव भक्त कांवड़ियों का उत्साह बढ़ता देखा जा रहा है। श्रावण मास के आगमन के साथ भगवान शिव के मंदिरों की साफ सफाई एवं साज सज्जा का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। काशी-प्रयाग के मध्य नेशनल हाईवे पर शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा देखते ही बनती है। नंगे पांव साष्टांग दंडवत करते हुए आगे बढ़ना, तो कुछ कांवडिया पैदल अथवा दौड़ते हुए चलते देखे जा सकते हैं। एक तरफ शिव भक्ति का चेहरे पर अजीब से समर्पण का भाव तो किसी के चेहरे पर भांग धतूरे का सुरूर पदयात्रा में रमे कांवडियों की भगवान शिव की प्रति अटूट श्रद्धा व समर्पण को परिलक्षित करती है।
गंगा-यमुना व सरस्वती की पावन संगम स्थली से कांवड़ उठाते है कांवड़ी
तीरथ राज प्रयागराज स्थित गंगा-यमुना व सरस्वती की पावन संगम स्थली से कांवड़ उठा कांवडिए काशी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक व दर्शन-पूजन कर इच्छित कामनाओं की पूर्ति करते हैं। इस बीच प्रयाग से निकालकर काशी जाते समय भदोही जनपद स्थित शिव मंदिरों में भी जलार्पण का विधान है। जहां अधिकांश कांवड़िए बाबा सेमराध नाथ धाम, बाबा उदार नाथ, नीलकंठ महादेव, बाबा तिलेश्वरनाथ मंदिर व चकवा महावीर जैसे ऐतिहासिक शिव मंदिरों में मत्था टेककर स्थापित शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के उपरांत पंचकोशी यात्रा पूरी करने के बाद काशी की तरफ आगे बढ़ जाते हैं। प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य पंडित आलोक शास्त्री की मानें तो कभी भदोही जिला भी काशीराज का अंग हुआ करता था।
शिव मंदिरों में हो रही सजावट
बाबा काशी विश्वनाथ की जलाभिषेक का संपूर्ण फल भदोही स्थित शिव मंदिरों की परिक्रमा के बाद ही मिलता है। पवित्र सावनमास के आगमन को देखते हुए भदोही के शिव मंदिरों की सजावट, साफ-सफाई का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है तो वहीं कुछ सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं अपना स्टाल लगाकर प्यासे कांवरियों की सेवा व उन्हें पानी पिलाकर पुण्य कमाने की तैयारी में जुट गई हैं। वहीं, कावड़ यात्रा में भारी तादाद में कावड़ियों के आगमन के मद्देनजर पुलिस व जिला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर सुनिश्चित करने में जुटा है। कावड़ यात्रा के दौरान जनपद सीमा में पड़ने वाला पूरा का पूरा जीटी रोड पुलिस सुरक्षा छावनी में तब्दील रहेगा। जगह-जगह स्थापित पुलिस सुरक्षा चौकियों के अतिरिक्त पुलिस पेट्रोलिंग जारी रहेगी। तो वहीं दूसरी तरफ जगह-जगह स्वास्थ्य महकमे की टीमें किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर तैनात रहेगी।
22 जुलाई को शुरू होगा सावन मास
इस साल श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई 2024 को हो रही है। हिंदू धर्म में सावन का विशेष धार्मिक महत्व होता है। श्रावण मास को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। बहुत से लोग इस माह को सावन का महीना भी कहते हैं। सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है। सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि श्रावण मास में सोमवार के दिन का बहुत महत्व होता है।