Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 20 May, 2020 10:34 PM
कोरोना संकट के दौरान अपनी राज्य की ओर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति चरम पर पहुंच गई है। वहीं भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा में जुबानी जंग भी बढ़ गई है। ऐसे में UP के पूर्व मुख्यमंत्री और सपाध्यक्ष...
लखनऊः कोरोना संकट के दौरान अपनी राज्य की ओर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति चरम पर पहुंच गई है। वहीं भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा में जुबानी जंग भी बढ़ गई है। ऐसे में UP के पूर्व मुख्यमंत्री और सपाध्यक्ष भी राज्य सरकार पर हमला करने में पीछे नहीं हैं। बुधवार को उन्होंने कहा कि UP सरकार कोरोना संकट के साथ मजदूरों की घर पहुंचने की व्याकुलता को भी अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन के लिए इस्तेमाल करने में संकोच नहीं कर रही है।
अखिलेश ने एक बयान में कहा कि प्रदेश में दिन-रात श्रमिकों की दुर्दशा की दर्दनाक कहानी सुनकर दिल दहल जाता है। रोज ही वे दुर्घटनाओं के शिकार होकर जानें गंवा रहे हैं। इस सबसे उदासीन भाजपा सरकार ने सभी मानवीय मूल्यों को रौंद दिया है।
सपाध्यक्ष ने लगाया ये आरोप
अखिलेश ने कहा कि समझ में नहीं आता कि जब सरकारी, निजी और स्कूलों की पचासों हजार बसें खड़े-खड़े धूल खा रही हैं तो प्रदेश की सरकार श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए इन बसों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है? सरकार की हठधर्मिता बहुत भारी पड़ रही है। जबकि उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा, 'जो मदद को हाथ बढ़ते हैं, उनको झटक देने का अमानवीय बर्ताव भाजपा का आचरण बन गया है।' साथ ही उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार की नौटंकी नहीं तो क्या है कि वह बहाने बनाकर श्रमिकों के घर पहुंचने में अवरोधक बन रही है। भूखे-प्यासे श्रमिक, महिलाएं, बच्चे भयंकर गर्मी में नरकीय यातना भोग रहे हैं।