Edited By Pooja Gill,Updated: 09 Jan, 2024 11:39 AM
Ram Mandir News: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा। इसके बाद रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे।16 जनवरी से पूजन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इसके लिए तैयारियां की जा रही...
Ram Mandir News: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा। इसके बाद रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे।16 जनवरी से पूजन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इसके लिए तैयारियां की जा रही है। रामलला को शीशम के नवनिर्मित पलंग पर शयन कराया जाएगा। मंदिर में स्थापित की जाने वाली रामलला की मूर्ति का भी चयन हो गया है।
बता दें कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 16 जनवरी से पूजन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। 17 जनवरी को श्रीविग्रह का परिसर भ्रमण कराया जाएगा तथा गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा। 18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ होगा। विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की विधि का आरंभ गणेश, अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन से होगा। 19 जनवरी को प्रातः फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा। 20 जनवरी को सुबह पुष्प और रत्न व शाम को घृत अधिवास होगा। 21 जनवरी को प्रात: शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास व औषधि और शैय्या अधिवास होगा और 22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी हटाई जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा।
125 कलशों से मूर्ति के दिव्य स्नान के बाद कराया जाएगा शय्याधिवास
राम मंदिर के गर्भगृह को सरयू से लाए गए 81 कलशों के जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड होंगे। रामलला का अन्नाधिवास, जलाधिवास और घृताधिवास होगा। 21 जनवरी को 125 कलशों से मूर्ति के दिव्य स्नान के बाद शय्याधिवास कराया जाएगा। 22 जनवरी को सुबह नित्य पूजन के बाद मध्याह्न काल में प्राण प्रतिष्ठा की महापूजा होगी। इस समारोह में देशभर से बड़ी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है और करीब एक दिन में 75 हजार लोग आसानी से राम मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए इंतजाम किए गए है।
21 वैदिक ब्राह्मणों के हाथ में रहेगी सारी जिम्मेदारी
इस प्राण प्रतिष्ठा की सारी जिम्मेदारी काशी के सभी 21 वैदिक ब्राह्मणों के हाथ में रहेगी। 21 वैदिक ब्राह्मण अच्छे से इस कार्यक्रम को पूरा कराएंगे। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे और मृगशिरा नक्षत्र में मूर्ति स्थापित कराएंगे। काशी के वैदिक पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों की टोली 17 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होगी। मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे और उनके पुत्र जयकृष्ण दीक्षित और सुनील दीक्षित पूजन कराएंगे।
रामलला के आसन के नीचे कुल रखे जाएंगे 45 द्रव्य
रामलला के आसन का भी पूजन किया जाएगा। आसन के नीचे कुल 45 द्रव्य रखे जाएंगे। इसमें नौ रत्नों में हीरा, पन्ना, मोती माणिक्य, पुखराज व लहसुनिया, गोमेद के अलावा पारा, सप्त धान्य व विविधि औषधियां हैं। इसके बाद नवीन विग्रह को आसन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। गोघृत व शहद मिश्रण से युक्त स्वर्ण शलाका से भगवान के नेत्र उन्मीलित किए जाएंगे। भगवान को दर्पण दिखाया जाएगा।
पांच लाख मंदिरों में होगा इसका लाइव प्रसारण
इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले चार हजार साधु संत रहेंगे और देश-विदेश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों को आमंत्रित किया जाएगा। जो लोग इस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे, अपने पास के मंदिरों में ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देख सकेंगे, क्योंकि पांच लाख मंदिरों में इसका लाइव प्रसारण होगा।