Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Mar, 2020 06:25 PM
लखनऊ 24 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के चलते 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को मंगलवार को 1000 रुपए की पहली किश्त जारी की।
लखनऊ 24 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के चलते 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को मंगलवार को 1000 रुपए की पहली किश्त जारी की।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि श्रम विभाग आज 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपए की पहली किश्त जारी कर रहा है।"
मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव के चलते बंद व्यावसायिक व आर्थिक गतिविधियों के परिप्रेक्ष्य में दैनिक रूप से कार्य करके परिवार का जीवन यापन करने वाले लोगों के सहायतार्थ बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित की।
उन्होंने कहा ‘‘ कोरोना वायरस महामारी के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई में सभी को सहभागी बनाने की दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस लड़ाई को हम आगे बढ़ा रहे हैं, उसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने दैनिक श्रमिकों के लिए भरण-पोषण भत्ते की व्यवस्था की है।’’
योगी ने बताया कि नगर विकास विभाग को इस बात के लिए अधिकृत किया गया है कि वह प्रतिदिन कार्य करने वाले मजदूरों-रेहड़ी, ठेला, खोमचा लगाने वाले, रिक्शा, ई-रिक्शा चलाने वाले व पल्लेदार आदि के लिए भी 1000 रुपए की पहली किश्त के भुगतान किए जाने की व्यवस्था करे।
उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा अंत्योदय कार्ड धारक, निराश्रित वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, निर्माण श्रमिकों और प्रतिदिन कमाई करने वालों के लिए एक महीने के राशन, 20 किलो चावल, 15 किलो गेहूं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।
योगी बोले, "मैं श्रम विभाग को निर्माण श्रमिकों के पोषण हेतु भरण-पोषण भत्ता तत्काल रूप से जारी करने के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं आशा करता हूं कि सभी संबंधित विभाग समयबद्ध ढंग से तात्कालिक रूप से जरूरतमंदों तक इस व्यवस्था को पहुंचाने की दिशा में कार्य करेंगे।"
मुख्यमंत्री ने बताया ‘‘ इसके लिए प्रत्येक जनपद को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। हमने जिलाधिकारियों को अधिकृत किया है कि जो लोग इस सुविधा से वंचित रह गए हैं, किसी योजना से संबद्ध नहीं हैं, जिनके कमाने का जरिया नहीं है व आय के स्रोत बंद हो चुके हैं, उन्हें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चिन्हित कर, जनपद स्तर पर 1000 रुपए की व्यवस्था की जाए।’’
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