यूपी और भारत को जानने का अवसर है प्रयागराज महाकुंभ, गोरखपुर महोत्सव के औपचारिक समापन पर बोले CM योगी

Edited By Mamta Yadav,Updated: 13 Jan, 2025 12:55 AM

prayagraj maha kumbh is an opportunity to know up and india cm yogi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ देश और दुनिया के लोगों को उत्तर प्रदेश और भारत को जानने का महत्वपूर्ण अवसर है और इस भव्य एवं दिव्य आयोजन में भारत की आध्यात्मिक विरासत को संतों के माध्यम से जानने और देखने का...

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ देश और दुनिया के लोगों को उत्तर प्रदेश और भारत को जानने का महत्वपूर्ण अवसर है और इस भव्य एवं दिव्य आयोजन में भारत की आध्यात्मिक विरासत को संतों के माध्यम से जानने और देखने का अद्भुत अनुभव भी मिलेगा।

योगी रविवार को गोरखपुर महोत्सव 2025 के औपचारिक समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिन का भव्य आयोजन सोमवार से शुरू हो रहा है और 40 करोड़ आबादी महाकुंभ में आएगी। 40 करोड़ की आबादी दुनिया के अंदर भारत और चीन के अलावा किसी भी देश में नहीं है। उन्होंने कहा कि मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी के संगम में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार महाकुंभ को लेकर अक्षय वट कॉरिडोर, मां सरस्वती, बड़े हनुमान मंदिर, महर्षि व्यास और भगवान राम और निषादराज कॉरिडोर बन गया है। यहां नाग वासुकी और द्वादश ज्योतिर्लिंगऔर चार धाम की यात्रा का आनंद विप्रिका के माध्यम श्रद्धालु कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि महाकुंभ का आयोजन 10 हजार एकड़ क्षेत्रफल में हो रहा है। शुक्रवार की रात तक ही 35 लाख श्रद्धालु पहुंच गए थे। उन्होंने जनमानस से अपील की कि मकर संक्रांति पर बाबा गोरखनाथ में खिचड़ी चढ़ाइए और फिर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समझने के लिए महाकुंभ जरूर जाइए। उन्होंने कहा 29 जनवरी को 144 वर्ष बाद विशिष्ट संयोग बन रहा है जब भगवान सूर्य मकर राशि में होंगे। बृहस्पति वृष राशि में होंगे। विशिष्ट मुहूर्त पर प्रयागराज में मौनी अमावस्या स्नान का शुभारंभ होगा। इस बार प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन इसलिए भी विशिष्ट है कि इसका शुभ मुहूर्त 144 वर्षों के बाद आया है। महाकुंभ का आयोजन अद्भुत उत्साह के साथ हो रहा है।

योगी ने कहा कि यह याद रखना होगा कि संस्कृति के अभाव में कोई राष्ट्र लम्बे समय तक अपनी जीवन गाथा को आगे नही बढ़ा सकता। लोक गाथाए लोक परम्परा राष्ट्र की संजीवनी होती है। लोक परम्पराए लोक गाथाओं, लोक गायन लोक कलाकारों को इस प्रकार के कार्यक्रम और महोत्सव के माध्यम से एक प्लेटफार्म प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य स्थानीय नौजवानों, कलाकारों, कलाकृतियों, किसानों और उद्यमियों तथासमाज के लिए कुछ योगदान किया है उनको प्रोत्साहित करना, उनको मंच उपलब्ध कराना, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है और इस दृष्टिकोण से गोरखपुर महोत्सव नई ऊंचाइयों को छू रहा है। गोरखपुर महोत्सव के विविध आयामों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टेराकोटा, शहद उत्पादन को देखना है तो महोत्सव में जरूर आइएं। नेशनल बुक फेयर का आयोजन पहली बार इतने बड़े स्तर पर कियागया है। युवा किताबों को जरूर खरीदें और अपने दोस्तों को गिफ्ट करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक विरासत से समृद्ध है। गोरखपुर नाम से ही पता लग जाता है कि महायोगी भगवान गोरखनाथ की पावन साधना स्थली भी है। गोरखपुर भारत की धार्मिक और आध्यात्मिक परम्परा की एक महत्वपूर्ण भूमि है। गीताप्रेस के माध्यम से भारत की धार्मिक साहित्य का एक प्रमुख केन्द्र भी है। गोरखपुर के पास ही कुशीनगर भगवान बुद्ध की महानिर्वाण स्थली तथा सूफी संत कबीरदास की महानिर्वाण निर्वाण स्थली मगहर भी है। अपनी लेखनी के माध्यम से कथा सम्राट के रूपमें विख्यात मुंशी प्रेमचंद ने गोरखपुर को अपनी कर्मस्थली बनाया था। गोरखपुर फिराक गोरखपुर की जन्मभूमि है तो वैश्विक मंच पर भारत की आध्यात्मिक विरासत को स्थापित करने वाले योगानंद परमहंस ने भी इसी गोरखपुर में जन्म लिया था।

योगी ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत की चूलों को हिलाने वाले शहीद बंधुसिंह की जन्म और कर्म भूमि भी गोरखपुर है। इसी गोरखपुर की जेल में काकोरी ट्रेन एक्शन के नायक अमरस्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम प्रसाद विस्मिल को फांसी की सजा दी गई थी। योगी ने कहा कि विरासत से संपन्न गोरखपुर आज विकास के भी नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। सरकार विकास करा रही है ,उस विकास की यात्रा के साथ सहभागी बनना हम सबका दायित्व बनता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 12 जनवरी है। 12 जनवरी वैश्विक मंच पर भरत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक छवि कोए आध्यात्मिक विरासत को सनातन धर्म की वैदिक परम्पराओं को स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद की पावन जयंती भी है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया और साथ ही सभी लोगों को मकर संक्रांति व प्रयागराज महाकुंभ की शुभकामनाएं दीं।

गोरखपुर महोत्सव के मुख्य मंच से योगी ने पांच विभूतियों को गोरखपुर रत्न से सम्मानित किया। कला के क्षेत्र में वरिष्ठ रंगकर्मी केसी सेन, कृषि.उद्यमिता के क्षेत्र में प्रगतिशील किसान और शहद उत्पादक राजू सिंह, खेल के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी शगुन कुमारी, चिकित्सा के क्षेत्र में वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ़ बी बी त्रिपाठी और विज्ञान के क्षेत्र में डॉ़ साहिल महफूज को गोरखपुर रत्न सम्मान प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने इन विभूतियों के अपने अपने क्षेत्र में दिए गए योगदान की सराहना की। गोरखपुर महोत्सव के औपचारिक समापन समारोह को सांसद रविकिशन शुक्ल ने भी संबोधित किया। स्वागत संबोधन में गोरखपुर महोत्सव समिति के अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने आयोजन की सविस्तार जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, श्रीराम चौहान, विपिन सिंह, डॉ़ विमलेश पासवान, महेंद्रपालसिंह, प्रदीप शुक्ल, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थीए राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी एकाली बाड़ी के महंत रविंद्रदास, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय और जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह आदि भीउपस्थित रहे।

गोरखपुर महोत्सव के औपचारिक समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुपरिचित गायक, इंदौर मध्य प्रदेश से आए सुधीर व्यास के गाए सुमधुर भजनों का आनंद उठाया। भजन सुनने के लिए मुख्यमंत्री मुख्यमंच से उतरकर सामने लगी कुर्सियों की तरफ आ गए थे।

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