Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jan, 2020 01:07 PM
लखनऊ यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर यूपी की सियासत गर्म है। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे अनुचित बताया है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने...
लखनऊः लखनऊ यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर यूपी की सियासत गर्म है। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे अनुचित बताया है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने पाठ्यक्रम पर तंज कसा है।
उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में CAA को रखा जा रहा है। अगर यही हाल रहा तो शीघ्र मुखिया जी की जीवनी भी विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाएगी व लेक्चर की जगह उनके प्रवचन होंगे और बच्चों की शिक्षा में उनकी चित्र-कथा भी शामिल की जाएगी।
वहीं इससे पहले मायवती ने ट्वीट कर इसका विरोध किया। मायावती ने कहा कि सीएए पर बहस आदि तो ठीक है लेकिन कोर्ट में इसपर सुनवाई जारी रहने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इस अतिविवादित व विभाजनकारी नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करना पूरी तरह से गलत व अनुचित। बीएसपी इसका सख्त विरोध करती है तथा यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस ले लेगी।