Edited By Imran,Updated: 15 May, 2024 01:26 PM

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक पुलिस कांस्टेबल ने बेहरमी से अपनी पत्नी को करंट लगाकर मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए उसने शव को फांसी पर लटका दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मामले का खुलासा होने के बाद पुलिसवाले...
Bhadohi News: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक पुलिस कांस्टेबल ने बेहरमी से अपनी पत्नी को करंट लगाकर मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए उसने शव को फांसी पर लटका दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मामले का खुलासा होने के बाद पुलिसवाले को गिरफ्तार कर लिया गया है और सेवा से भी बर्खास्त कर दिया गया है।
आपको बता दें कि यह मामला जिले के ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के नारायण कालोनी कहा है, यह घटना 7 मई की बताई जा रही है। जब कांस्टेबल ने खुद पुलिस को फोन कर यह जानकारी दी कि उसकी पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है। लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जब पोस्टमार्टम कराया तो पता चला कि वह आत्महत्या नहीं कि है बल्कि उसकी हत्या की गई है।
बेरहमी से किया था पत्नी की हत्या
पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि महिला की हत्या करंट लगाकर की गई थी। फिर उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। इस मामले में मृतका के परिजनों ने आरोपी पुलिसकर्मी और उसकी मां सहित तीन पर दहेज हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया था। शिकायत के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मी रत्नेश, उसकी मां पानदेवी व अंशु को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
दहेज के लिए करता था मारपीट
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि आरोपी सिपाही दहेज की मांग को लेकर पत्नी के साथ हमेशा मारपीट करता था। घटना के दिन भी दहेज की बात को लेकर लड़ाई होने लगी। महिला ने जब इसका विरोध किया तो उसकी योजनाबद्ध तरीके से करंट लगाकर पहले तो तड़पा-तड़पाकर मार दिया। फिर उसे सुसाइड का रूप देने के लिए फांसी के फंदे से लटका दिया। आरोपी पुलिसकर्मी रत्नेश, उसकी मां पानदेवी व अंशु को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
इस घटना से पुलिस विभाग की छवि खराब हुई: SP
वहीं, इस घटना को लेकर जिले के एसपी मीनाक्षी कात्यान ने कहा कि प्रकरण के प्रारंभिक जांच से कॉन्स्टेबल के विरुद्ध आपराधिक अभियोग पंजीकृत होने व उसके गिरफ्तार होकर जेल जाने से पुलिस की छवि धूमिल हुई है। कॉन्स्टेबल के स्वयं अपराध में शामिल होने के कारण दंड एंव अपील नियमावली 1991 में प्रदत्त अधिकारों के तहत निलंबित कॉन्स्टेबल को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है।