UP Assembly Election 2022: टिकट के दावेदार ही बन गए हैं मौजूदा विधायकों के लिए सिरदर्द

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 03 Jan, 2022 01:24 PM

only ticket contenders have become a headache for the sitting mlas

उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव का बिगुल अभी भले ही न बजा हो, लेकिन प्रदेश की धार्मिक नगरी मथुरा में तमाम सियासों दलों के टिकट के दावेदार मौजूदा विधायकों के लिए सिरदर्द बन गए है...

मथुरा: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव का बिगुल अभी भले ही न बजा हो, लेकिन प्रदेश की धार्मिक नगरी मथुरा में तमाम सियासों दलों के टिकट के दावेदार मौजूदा विधायकों के लिए सिरदर्द बन गए है। प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में इस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मथुरा से चुनाव लड़ने का आमंत्रण देकर एक तीर से दो निशाने साधने का खेल इन दिनों जोरों पर चल रहा है। एक ओर वर्तमान विधायक अपने कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने में लगे हैं। वहीं, टिकट के दावेदार मौजूदा विधायकों की स्वनिर्मित जन्मपत्री अपने दल के हाईकमान तक पहुंचाने में शिद्दत से जुटे हैं।

इसके पीछे उनकी मंशा साफ है कि टिकट का छींका उनके भाग्य से टूटे और टिकट उनकी झोली में आ जाए। आलम यह है कि चुनाव से पहले ही सत्ताधारी दल में टिकट की मारामारी के लिए नेता अपने ही विधायकों का गुपचुप मानमर्दन करने में लगे हैं। भाजपा के एक पूर्व जिला अध्यक्ष ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मथुरा विधान सभा सीट से भाजपा के विधायक और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने कार्यकाल में यद्यपि बिजली की नियमित आपूर्ति से लेकर, सड़क, पार्क, मल्टीलेवल पार्किंग, कुंभमेला, पीने के लिए गंगाजल जैसे कई कार्य कराए हैं, लेकिन उनके विरोधियों का आरोप यह भी है कि वे जितने दिन अपने क्षेत्र में रहे उससे अधिक दिन अपने क्षेत्र से बाहर रहे।

शर्मा की सिर्फ इसी एक शिकायत को लेकर उनका पत्ता कटवाने में भाजपा के कुछ स्थानीय कद्दावर नेता लखनऊ के खूब चक्कर काट रहे हैं। सूत्रों की मानें तो शर्मा के इन घरेलू शत्रुओं में एक पूर्व मंत्री, एक व्यापारी नेता, राज्य के एक आयोग के अध्यक्ष और जिला भाजपा के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के नाम चर्चा में हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन रविकांत गर्ग ने टिकट की अपनी दावेदारी के बारे में सिर्फ इतना ही कहा है कि भाजपा आलाकमान जो निर्देश देगा उसका वह पालन करेंगे।

इससे इतर, भाजपा में संत फूलडोल महाराज के नेतृत्व में साधु संतों का एक तबका ऐसा भी है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मथुरा से चुनाव मैदान में उतारे जाने का हिमायती है। श्रीकांत शर्मा के विरोधी भी योगी को मथुरा से चुनाव लड़ाए जाने की मांग में शामिल हो गए हैं। मथुरा सीट से किस्मत आजमाने के फूलडोल महाराज के आमंत्रण पर योगी ने भी कहा है कि भाजपा नेतृत्व जहां से चाहेगा, वहीं से वह चुनाव लड़ेंगे। योगी के इस बयान से मथुरा में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

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