राजा भैया को चुनौती देना अनुप्रिया पटेल को पड़ा भारी! अपना दल एस में सवर्णों की उपेक्षा... राष्ट्रीय महासचिव ने पार्टी से दिया इस्तीफा

Edited By Mamta Yadav,Updated: 20 May, 2024 12:47 AM

neglect of upper castes in apna dal s  national general secretary resigns

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच राजा भैया को लेकर बयान देने के बाद सुर्खियों में चल रही अनुप्रिया पटेल को झटका लगा है। अपना दल एस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सवर्णों के उपेक्षा का आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

Lucknow News: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच राजा भैया को लेकर बयान देने के बाद सुर्खियों में चल रही अनुप्रिया पटेल को झटका लगा है। अपना दल एस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सवर्णों के उपेक्षा का आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
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आपत्तिजनक टिप्पणी से सवर्ण समाज में भारी नाराज़गी
बता दें कि अपना दल (एस) सांसद पकौड़ी लाल की पुत्रवधू को टिकट देने के विरोध में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राघवेंद्र प्रताप सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सिंह ने आरोप लगाया कि राबर्टसगंज (सु) सांसद पकौड़ी कोल ने क्षत्रिय व ब्राम्हृण समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि आपत्तिजनक टिप्पणी से सवर्ण समाज में भारी नाराज़गी है और उनकी पुत्रवधू रिंकी कोल को टिकट देने से समाज में अंसतोष है जिसे देखते हुये पार्टी में रहना अब मुनासिब नहीं है।

अपना दल एस में सवर्णों की उपेक्षा
अपना दल से इस्तीफा देने के बाद राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कोई भी दल सर्व समाज के लिए होता है। अपना दल एस ऐसा नहीं है। कोई पहले से तय होकर जाति में नहीं पैदा होता है। हम राजपूत है। हमने सर्व समाज के लिए किया है। लेकिन अपना दल एस में सवर्णों की उपेक्षा होती है। इससे आहत होकर हमने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आगे कहा कि सवर्णों की नाराजगी को लेकर हमने कई बार राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात किया, लेकिन उन्होंने इसपर ध्यान नहीं दिया। हमारी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में पार्टी में रहने का कोई औचित्य नहीं बनता है।

पकौड़ी ने की थी विवादित टिप्पणी
गौरतलब है कि राबर्ट्सगंज के सांसद पकौडी लाल कोल ने कुछ वर्षों पहले ब्राह्मण व क्षत्रिय को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद इसका काफी विरोध हुआ था। बाद में डैमेज कंट्रोल के लिए पकौडी कोल ने बयान का खंडन किया था। हालांकि पकौडी कोल का सोनभद्र में बहुत विरोध हुआ। इस बार उनकी बहु रिंकी कोल पर अपना दल एस ने भरोसा जताया है। उसके बाद अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया को लेकर टिप्पणी की। इसके बाद सवर्ण विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाकर राघवेंद्र ने इस्तीफा दे दिया।

कुंडा किसी की जागीर नहीं
बीते दिनों राजा भैया का नाम लिए बिना अनुप्रिया पटेल ने कहा कि कुंडा किसी की जागीर नहीं है। कुंडा की जनता ये बता चुकी है। ये देश अब संविधान से चलता है न कि किसी की हुकूमत से। स्वघोषित राजाओं को लगता है कि कुंडा उनकी जागीर है। इस भ्रम को तोड़ने का अवसर आ गया है। अब राजा ईवीएम के बटन से पैदा होता है। राजा और रंक बनाना मतदाता के हाथ में है। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की सरकार में गुंडे और माफिया थर-थर कांप रहे है।



 

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