भरी कोर्ट में मां ने बच्चों से तोड़ा रिश्ता, कहा- इनसे कोई वास्‍ता नहीं, कभी मिलना नहीं चाहती

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 May, 2022 01:05 PM

mother broke the relationship with the children in the court filled

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक महिला ने ऐसे शब्द कहे कि जिसके बाद कोर्ट ने दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी। फतेहपुर के युवक की ओर से पत्नी के लिए दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प...

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक महिला ने ऐसे शब्द कहे कि जिसके बाद कोर्ट ने दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी। फतेहपुर के युवक की ओर से पत्नी के लिए दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी ने अपने दो मासूम बच्चों से रिश्ता तोड़ दिया और कहा कि उसका दोनों बच्चों से कोई वास्ता नहीं है।

मां ने कहा कि, उसे बच्चों से न मिलना भी मंजूर है। कोर्ट ने पत्नी से कहा कि उसे बच्चों से मिलने नहीं दिया जाएगा, इस पर दोनों बच्चों की मां ने कहा कि उसे यह भी मंजूर है। उसने यह भी कहा कि, उसे किसी ने बंदी नहीं बनाया है। वह दिल्ली में रहकर प्राईवेट जॉब कर रही है। पत्नी के ऐसे जवाब से कोर्ट ने पति की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने याचिका को पोषणीय नहीं माना। यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने प्रमोद कुमार व तीन अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया।

इस मामले में पति प्रमोद कुमार ने अपनी पत्नी क्रांति देवी को बालकेश के बेटे अंकुर के हाथों बंदी बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। पति का कहना था कि उसकी पत्नी क्रांति को अंकुर ने दिल्ली में बंदी बनाकर रखा है। उसे छोड़ नहीं रहा है, वह वहीं कैद है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश देते हुए पत्नी को कोर्ट में पेश करने को कहा था। सुनवाई के दौरान पत्नी कोर्ट में उपस्थित हुई तो कोर्ट ने उससे कई सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि क्या उसे किसी ने बंदी बनाया है, तो युवती ने कहा कि उसे किसी ने बंदी नहीं बनाया है। वह दिल्ली में रहकर जॉब कर रही है। उसका अपने पति प्रमोद कुमार से कोई लेना-देना नहीं है। पति उसे परेशान करता है। 


 

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