Edited By Purnima Singh,Updated: 14 Jan, 2025 12:09 PM
प्रयागराज के संगम तट पर लगने वाले देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा के साथ हो गई है। अमृत स्नान का आज पहला दिन है। अमृत स्नान की शुरूआत मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ हो रही है। प्रशासन की माने तो सूर्य उपासना के...
प्रयागराज (सयैद रज़ा) : प्रयागराज के संगम तट पर लगने वाले देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा के साथ हो गई है। अमृत स्नान का आज पहला दिन है। अमृत स्नान की शुरूआत मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ हो रही है। प्रशासन की माने तो सूर्य उपासना के सबसे बड़े पर्व मकर संक्रान्ति पर 4 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम की पावन धारा में डुबकी लगाएंगे। मेले के लिए संगम की रेती पर अलग से तम्बुओं का शहर बसाया गया है। मेले में इस बार सुरक्षा के ख़ास इंतज़ाम किए जा रहे हैं।
कड़ाके की सर्दी के बाद भी प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। हर कोई महाकुंभ मेले के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति के मौके पर आस्था की एक डुबकी लगाने के लिए उतावला नज़र आ रहा है। श्रद्धालुओं में आस्था की ऐसी बयार बह रही है, जिसमें लोग पुण्य काल के महत्व और मुहूर्त को भी भूलकर सूर्य की उपासना कर रहे हैं।
मान्यताओं के मुताबिक़ प्रयाग के महाकुंभ मेले में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी अदृश्य रूप में यहां पर आते हैं। इसीलिये देश के कोने कोने से लोग गंगा, यमुना और अद्रश्य सरस्वती की पावन धारा में डुबकी लगाकर दान उपासना आदि कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर तिल आदि का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लोग सुबह से संगम के कई घाटों में स्नान कर पूजा अर्चना और दान आदि कर रहे हैं। आज के दिन काली वस्तुयों और खिचड़ी के दान का विशेष महत्त्व है।