Edited By Ramkesh,Updated: 09 Oct, 2022 01:25 PM

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे है। वाल्मीकि जयंती के अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन कहा कि जनसंख्या असंतुलन किसी देश के लिए खतरा है। वहीं उनके बयान को लेकर ऑल...
लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे है। वाल्मीकि जयंती के अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन कहा कि जनसंख्या असंतुलन किसी देश के लिए खतरा है। वहीं उनके बयान को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को जनसंख्या असंतुलन को लेकर नहीं डरना चाहिए। मुसलमान सबसे ज्यादा कंडोम का प्रयोग करते है ये बाते मोहन भागवत नहीं बताते है। मुस्लमानों को जनसंख्या के नाम पर डराया जा रहा है।
उन्होंने एक डाटा का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम हजार बच्चे पैदा कर रहा है तो उसके 947 बच्चियां पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दू अगर एक हजार बच्चे पैदा कर रहा है आैर वो 913 बेटियां पैदा हो रही है इस बात को लेकर मोहन भागवत नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश से लेकर जहां पर भी भाजपा की सरकार है वहां पर मुसलमान डर के साये में जी रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मदरसे को टारगेट किया जा रहा है।
बता दें कि मोहन भागवत वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं। भागवत ने कहा, "मैं वाल्मीकि समाज के कार्यक्रम में पहली बार नहीं आया हूं। पहले भी महाराष्ट्र में शामिल हो चुका हूं। हिंदू समाज को वाल्मीकि समाज पर गर्व करना चाहिए। क्योंकि, भगवान राम को हिंदू समाज से परिचित कराने वाले भगवान वाल्मीकि ही थे। वह अगर रामायण नहीं लिखते तो आज हिंदू समाज को भगवान राम नहीं मिलते। इतना ही नहीं भगवती सीता को बेटी की तरह वाल्मीकि ने रखा था।"उन्होंने कहा, "वाल्मीकि को रामायण के लिए नारद ने प्रेरित किया था। भगवान वाल्मीकि के चलते देश मे भगवान राम की पूजा होती है। सनातन धर्म में करुणा एक महत्वपूर्ण विषय है। कोई भी धर्म बिना करुणा के पूरा नहीं हो सकता है। वाल्मीकि जयंती हमारे लिए राष्ट्रीय उत्सव है।