Edited By Ramkesh,Updated: 27 Jan, 2023 06:28 PM
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साल दर साल बढ़ती बाल श्रमिकों की संख्या चिंता का विषय बनीं हुई है जो आए दिन कहीं ना कहीं देखने को मिल ही जाती है। ऐसा ही मामला देखने को मिला जनपद चंदौली से जहां PDDU जंक्शन पर बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने...
चंदौली: साल दर साल बढ़ती बाल श्रमिकों की संख्या चिंता का विषय बनीं हुई है जो आए दिन कहीं ना कहीं देखने को मिल ही जाती है। ऐसा ही मामला देखने को मिला जनपद चंदौली से जहां PDDU जंक्शन पर बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने बच्चों को बरामद कर इसकी जानकारी पुलिस को दी। जिसके आधार पर वाराणसी पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है। जानकारी के अनुसार रेलवे डीडीयू आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार दल बल के साथ डीडीयू जंक्शन पर चेकिंग कर रहे थे। इसी बीच रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर 21 बच्चे संदिग्ध दिखे…बच्चों से पूछने पर पता चला कि वे साल भर से वाराणसी के लोहता स्थित कंक्रीट स्लीपर निर्माण कंपनी में काम कर रहे है।
बच्चों ने आरपीएफ इंस्पेक्टर को बताया कि काम कराने के बदले सुपरवाइजर ने कई महीने से उनके पैसे भी नहीं दिए हैं। घर जाने की बात पर वह धमका रहा है। बच्चों का कहना है कि वे सभी ओडिशा रायगढ़ के रहने वाले हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बच्चों को अपने कब्जे में लेकर इसकी सूचना डीडीयू रेल डिवीजन के आरपीएफ कमांडेंट जेथिन बी राज को दी। जिसके बाद बचपन बचाओ आंदोलन को सूचित किया। बच्चों से मजदूरी करवाना कुछ परिवारों की मजबूरी हो सकती है, पर उस दलदल से निकालने की जिम्मेदारी समाज की भी बनती है…इसके लिए हमें अपने भीतर जिद्द पैदा करनी होगी. ऐसी जिद्द जो बाल उत्पीड़न और बाल समस्याओं के खिलाफ बिगुल बजाए।