Edited By Ajay kumar,Updated: 24 Dec, 2022 05:57 PM
बच्चों ने जिन सपनों को देखा है उसे पूरा करने के लिए उन्हें पूरी मेहनत और लगन से कार्य करने दें। ये बातें फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने एनएलके ग्रुफ ऑफ स्कूल्स के 75वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों की...
कानपुर: बच्चों ने जिन सपनों को देखा है उसे पूरा करने के लिए उन्हें पूरी मेहनत और लगन से कार्य करने दें। ये बातें फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने एनएलके ग्रुफ ऑफ स्कूल्स के 75वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करें उनके सपनों को नहीं। सपने पूरे करने की जिम्मेदारी बच्चों की है। इसके लिए उन्हें जिन साधन की जरूरत है वह उपलब्ध कराएं। अगर बच्चों के सपनों को पूरा करने की दौड़ में लग जाएंगे तो उनका सृजन समाप्त हो जाएगा।
बच्चों को सफलता का स्वाद जरूर चखने दें
राणा ने कहा कि कई बार छात्र कहते हैं कि जब मुझे फुटबॉलर बनना है या अभिनेता बनना है तो उसमें गणित, अर्थ शास्त्र का क्या काम। तब उनको राणा ने मेरा जवाब होता है कि ऊंचाई पर जाने के दौरान इस शिक्षा का भले ही कोई किरदार न हो लेकिन जब कभी जीवन में असफलता आएगी तो यही शिक्षा आपका सहारा बनेगी, आपको मजबूती देगी। बच्चों को सफलता का स्वाद जरूर चखने दें। सफलता उन्मादी बनाती है, जबकि असफलता अवसादी बनाती है। छोटा हो या बड़ा हर अवसर महत्वपूर्ण होता है।
पठान मूवी विवाद पर कहा कि....
राणा ने पठान मूवी विवाद पर कहा कि संस्कृति का कोई ठेकेदार नहीं है। हम सबकी जिम्मेदारी है, सभी को समझना चाहिए। देश में सफल होने वाला ही सिर्फ टैलेंटेड नहीं है। एसे भी कई टैलेंट छिपे हैं, जिन्हें सही अवसर नहीं मिला। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप कानपुर के रहने वाले हो, कक्षा में अपने कान इतने तेज करो कि न सिर्फ सब सुनाई दे बल्कि दिमाग तक पहुंचे भी।