Edited By Pooja Gill,Updated: 16 Jun, 2024 03:31 PM
![mayawati turned away from bahujan movement](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_15_30_494612385unnamed-ll.jpg)
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापकों में शुमार समाजवादी पार्टी (सपा) के मौजूदा सांसद आर. के. चौधरी ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में बसपा की करारी पराजय के लिए पार्टी प्रमुख मायावती की बहुजन आंदोलन से विमुखता को जिम्मेदार ठहराया...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापकों में शुमार समाजवादी पार्टी (सपा) के मौजूदा सांसद आर. के. चौधरी ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में बसपा की करारी पराजय के लिए पार्टी प्रमुख मायावती की बहुजन आंदोलन से विमुखता को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 'पीडीए' (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के नारे के साथ बहुजन की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
'यूपी में दलित राजनीति नेतृत्वविहीन हो चुकी है'
प्रदेश की मोहनलालगंज सीट से सपा के नवनिर्वाचित सांसद चौधरी ने बसपा के गिरते ग्राफ तथा पार्टी के संस्थापक कांशीराम के मिशन के भविष्य समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति नेतृत्वविहीन हो चुकी है, लेकिन आने वाले समय में सपा कांशीराम द्वारा जगाई गई बहुजनवाद की अलख को परवान चढ़ाएगी। लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिलने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, ''मायावती हमारी नेता रही हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। मगर कांशीराम जी का आंदोलन अगर किसी ने खत्म किया है तो वह बहन जी (मायावती) ने ही खत्म किया है और उस आंदोलन को आगे बढ़ाने के रास्ते पर अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चलना शुरू किया है।''
'BSP समर्थकों के वोट बिना मांगे सपा को मिले'
लोकसभा चुनाव में सपा को दलितों का भी काफी वोट मिलने का दावा करते हुए उन्होंने कहा, ''बहुजन समाज पार्टी के समर्थकों के वोट इस बार बिना मांगे सपा को मिले हैं। कहीं 50 प्रतिशत तो कहीं 60 प्रतिशत मिले। यह बहुत बड़ी बात है और मान्यवर कांशीराम ने जो अलख जगाई है उसे आने वाले समय में निश्चित रूप से अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी पूरा करेगी।''
एक भी वोट नहीं जीत पाई बसपा
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बना चुकी बसपा हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 10 सीटें जीतने वाली बसपा का वोट शेयर भी पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ 9.39 फीसद रहा। बसपा के संस्थापकों में शामिल रहे आर.के. चौधरी की गिनती उत्तर प्रदेश के प्रमुख दलित नेताओं में की जाती है। बसपा की नींव रखने वाले कांशीराम के बेहद करीबी सहयोगी रहे चौधरी प्रदेश की पूर्ववर्ती बसपा सरकारों में चार बार मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज सीट पर सपा प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय मंत्री भाजपा के कौशल किशोर को 70 हजार से अधिक मतों से हराया था। चुनाव में बसपा उम्मीदवार राजेश कुमार को 88 हजार 461 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे।