Mahakumbh 2025: महाकुंभ में नए रंग रूप में नजर आएंगे प्रयागराज के मंदिर, इसी महीने पूरा हो जाएगा काम

Edited By Pooja Gill,Updated: 05 Nov, 2024 11:44 AM

mahakumbh 2025 temples of prayagraj

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से आयोजित होने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को यहां के पौराणिक महत्व के मंदिर नए रंग रूप में नजर आएंगे। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन मंदिरों के कायाकल्प...

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से आयोजित होने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को यहां के पौराणिक महत्व के मंदिर नए रंग रूप में नजर आएंगे। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन मंदिरों के कायाकल्प का बीड़ा उठाया है और इन मंदिरों के कॉरिडोर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।

इसी महीने पूरा होगा मंदिरों का कायाकल्प
अपर मेलाधिकारी (कुम्भ) विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि पौराणिक महत्व के मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि ऐसी कुल 19 परियोजनाओं में से 17 परियोजनाएं 15 नवंबर तक पूरी कर ली जाएंगी, जबकि शेष दो परियोजनाएं 30 नवंबर तक पूरी हो जाएंगी। चतुर्वेदी ने बताया कि हाल ही में लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा महाकुंभ की समीक्षा बैठक में इन परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार से संबंधित परियोजनाओं में तीन प्रमुख विभाग पर्यटन विभाग, स्मार्ट सिटी और प्रयागराज विकास प्राधिकरण कार्य कर रहे हैं।

10 दिसंबर तक पूरा होगा इस मंदिर का कार्य
अधिकारी ने बताया कि 15 नवंबर तक पूर्ण होने वाली परियोजनाओं में भरद्वाज कॉरिडोर, मनकामेश्वर मंदिर कॉरिडोर समेत द्वादश माधव मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर और नौ अन्य मंदिरों का जीर्णोद्धार शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर और पातालपुरी कॉरिडोर भी 15 नवंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। चतुर्वेदी ने बताया कि नागवासुकी मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 30 नवंबर तक जबकि हनुमान मंदिर कॉरिडोर का कार्य 10 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

यह भी पढे़ंः Prayagraj News: अब महाकुंभ मेले में नहीं भटकेंगे श्रद्धालु, पहली बार गूगल नेविगेशन की सुविधा का हो सकेगा इस्तेमाल
कुम्भ मेले के इतिहास में पहली बार श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और वे गूगल नेविगेशन का उपयोग करके घाट, मंदिर, अखाड़े या किसी अन्य स्थान तक आसानी से पहुंच सकेंगे। अपर मेलाधिकारी (कुम्भ) विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि गूगल ने अपनी नीति में पहली बार बदलाव करते हुए महाकुम्भ मेला क्षेत्र को अपने सिस्टम में एकीकृत करने का निर्णय किया है।

 

 

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