Edited By Ramkesh,Updated: 21 Mar, 2024 01:54 PM
जनपद की घोसी लोकसभा सीट पर 1 जून को सातवें चरण में मतदान होगा। नामांकन कार्यक्रम 07 मई से शुरू होगा। ऐसे में सभी पार्टियां अपने जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहती है। हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 में यहां से बसपा उम्मीदवार अतुलराय ने जीत दर्ज की...
मऊ: जनपद की घोसी लोकसभा सीट पर 1 जून को सातवें चरण में मतदान होगा। नामांकन कार्यक्रम 07 मई से शुरू होगा। ऐसे में सभी पार्टियां अपने जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहती है। हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 में यहां से बसपा उम्मीदवार अतुलराय ने जीत दर्ज की थी। इस बार बसपा ने अपने पत्ते नहीं खोले है। ऐसे में लड़ाई सपा और सुभासपा उम्मीदवार से मानी जा री है। बताया जा रहा है कि बसपा ने अपने वर्तामान सासंद को मैदान में उतार तो लड़ई त्रिकोणीय हो जाएगाी।
एक नजर में जानिए जातीय समीकरण
घोसी लोकसभा सीट मऊ जिले के अंतर्गत आती है यह जिला बुनकरों का शहर माना जाता है क्यों शहर के हर हिस्से में पहले हथकरघा मिल जाता था। जिस पर साड़ी की बुनाई की जाती थी, लेकिन अब हथकरघे की जगह पावरलूम ने ले ली है। यहां से बनी साड़ियां पूरे देश में मशहूर हैं। जब पूरे देश में कांग्रेस की लहर हुआ करती थी। तब भी इस सीट पर कांग्रेस इक्का दुक्का ही जीती। 1957 के चुनाव में कांग्रेस के उमराव सिंह यहां से सांसद बने। इसके बाद यह सीट सीपीआई के हाथों में चली गई। 1962 और 1967 के चुनाव में जय बहादुर यहां से सीपीआई के झंडे तले सांसद बने।
राम मंदिर की लहर में बीजेपी को घोसी सीट पर मिली थी जीत
1971 के चुनाव में सीपीआई से ही झारखंडे चुनाव जीत कर संसद पहुंचे.. 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल से शिवराम सांसद बने, लेकिन 1980 के चुनाव में झारखंडे दुबारा सीपीआई को यहां लाने में कामयाब रहे। 1984 में पीएम इंदिरा कि हत्या के बाद हुए चुनाव में यहां कांग्रेस दुबारा वापसी कर पाई और राजकुमार सांसद बने। 1989 के चुनाव में कल्पनाथ राय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। जब पूरे देश में राम मंदिर की लहर में बीजेपी को जीत मिल रही थी। तब भी कल्पनाथ राय अपने दम पर इस सीट से कांग्रेस को विजय दिलाई और संसद पहुंचे। इसके बाद हुए 1996 और 1998 के चुनाव में कल्पनाथ राय एक बार निर्दलीय और एक बार सैप के चुनाव चिन्ह पर चुनाव जीते।
1999 के चुनाव में यहां से बसपा उम्मीदवार बालकृष्ण चुनाव जीते
पहली बार 1999 के चुनाव में यहां से बसपा उम्मीदवार बालकृष्ण चुनाव जीते। 2004 के चुनाव में समाजवादी पार्टी का खाता खुला और चंद्रदेव राज भर संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में बसपा के खाते से दारा सिंह चौहान सांसद बने। वहीं मोदी लहर पर सवार होकर हरिनारायण राजभर 2014 में इस सीट से सांसद बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने हरिनारायण राजभर को उम्मीदवार बनाया है। जबकि बसपा से अतुल राय चुनावी मैदान में है और कांग्रेस बालकृष्ण चौहान चुनाव लड़ रहे हैं।
घोसी लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं
इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें मधुबन, घोसी, मुहम्मदाबाद-गोहना, मऊ सदर और बलिया की रसड़ा सीटें शामिल हैं। रसड़ा विधान सभा का आधा हिस्सा घोसी लोकसभा में आता है। जबकि आधा हिस्सा बलिया लोकसभा में इससे इस विधानसभा के लोग खुद को ठगे से महसूस करते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से तीन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज कि जबकि मऊ सदर सीट पर बसपा से मुख्तार अंसारी विधायक रहे जबकि रसड़ा सीट पर भी बसपा का ही कब्जा है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में घोसी सीट पर कुल 19 लाख 54 हज़ार 114 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 52 हज़ार 153 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 9 लाख 1 हज़ार 865 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 96 है।
घोसी लोकसभा सीट पर मोदी लहर में बीजेपी ने दर्ज की थी जीत
घोसी लोकसभा सीट पर 2014 में पहली बार मोदी लहर में बीजेपी ने जीत पाई थी और हरिनारायण राजभर यहां से सांसद बने। इस चुनाव में हरिनारायण राजभर को कुल 3 लाख 79 हज़ार 797 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर बसपा से दारा सिंह चौहान रहे। दारा सिंह चौहान को कुल 2 लाख 33 हज़ार 782 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कौमी एकता दल से चुनाव लड़ रहे मुख्तार अंसारी रहे। इस चुनाव में मुख्तार को कुल 1 लाख 66 हज़ार 443 वोट मिले।
2009 के लोकसभा चुनवा में बसपा के दारा सिंह चौहान जीते
2009 के लोकसभा चुनवा में बसपा के दारा सिंह चौहान यहां से सांसद बने। दारा सिंह चौहान को इस चुनाव में कुल 2 लाख 20 हज़ार 695 वोट मिले। दूसरे नंबर पर सपा के अरशद जमाल अंसारी रहे। अंसारी को कुल 1 लाख 59 हज़ार 750 वोट मिले। तीसरे नंबर पर कांग्रेस से सुधा राय रही। सुधा राय को कुल 1 लाख 50 हज़ार 242 वोट मिले।
2004 के लोकसभा चुनाव में सपा के चंद्रदेव प्रसाद राजभर चुनाव जीते। चंद्रदेव प्रसाद राजभर को कुल 2 लाख 1 हज़ार 468 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के बाल कृष्ण रहे। बाल कृष्ण को कुल 1 लाख 80 हज़ार 456 वोट मिले। तीसरे नंबर पर कांग्रेस की सुधा राय रही। सुधा राय को कुल 1 लाख 36 हज़ार 794 वोट मिले।