लल्लू ने योगी पर साधा निशाना, कहा-यूपी में ‘स्टेट हेल्थ इमरजेंसी' घोषित किये जाने की जरूरत

Edited By Ramkesh,Updated: 23 Apr, 2021 08:20 PM

lallu targeted yogi said  state health emergency  needs to be declared in up

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शुक्रवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा,''''उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है, सरकार और सरकारी तंत्र पूरी तरह बेपटरी हो चुका है और आज प्रदेश में...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शुक्रवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा,''उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है, सरकार और सरकारी तंत्र पूरी तरह बेपटरी हो चुका है और आज प्रदेश में हालात इस कदर खराब हैं कि ‘स्टेट हेल्थ इमरजेंसी' (स्वास्थ्य आपातकाल) घोषित किये जाने की जरूरत है।'' प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से शुक्रवार को जारी बयान में अजय कुमार लल्‍लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार कोरोना महामारी की रोकथाम और संक्रमित मरीजों को समुचित इलाज दे पाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।

उन्‍होंने कहा,''कोरोना संक्रमित मरीज प्रदेश के अस्पतालों में एक-एक बेड और ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे हैं, रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यापक तौर पर काला बाजारी हो रही है, वेंटीलेटर और जरूरी चिकित्सा के अभाव में असमय लोगों की जान जा रही हैं। इसके बाद भी सरकार मौत के मातम, चीखते-बिलखते परिवारजनों, चिताओं से उठते धुएं के बावजूद संक्रमण की विभीषिका और हो रही मौतों को रोकने के लिए पूरी तरह गंभीर नहीं दिखाई दे रही है।'' प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी में सर्वाधिक मामलों में प्रदेश के पांच शहरों में राजधानी लखनऊ सहित गोरखपुर, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज आदि जिले शामिल हैं। लल्‍लू ने कहा कि जहां लखनऊ प्रदेश की राजधानी है वहीं गोरखपुर खुद मुख्यमंत्री का गृह जिला है और वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है, लेकिन इन तीनों जिलों में कोरोना महामारी की विकरालता और भयावहता का अंदाजा यहां होने वाली मौतों से लगाया जा सकता है।

 लल्लू ने कहा कि सरकार की लज्जाहीन कार्यप्रणाली के चलते पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर सहित अन्य जरूरी दवाओं की व्यापक कालाबाजारी हो रही है और इस पर सरकार रोक लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नाक के नीचे कालाबाजारी और भ्रष्टाचार सरकारी संरक्षण के बिना संभव नहीं है। उन्होने कहा कि राजधानी में अभी 96 नये निजी अस्पतालों को मुख्यमंत्री ने कोविड सेन्टर में परिवर्तित करने के आदेश दिये किन्तु वहां मरीजों के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने के कारण यह अस्पताल कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में संक्रमित मरीजों का उपचार कैसे और कौन करेगा यह बहुत बड़ा सवाल है। 

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