मरने के लिए आवारा कुत्तों के सामने नवजात शिशु को कलयुगी मां ने फेंका, देव दूत बनकर आए मुस्लिम दंपति ने बचाई जान, फिर ....

Edited By Ramkesh,Updated: 08 Aug, 2025 01:25 PM

kaliyuga mother threw her newborn baby in front of stray dogs to die

जांको राखे साइयां मार सके ना कोई चाहे सारा जग बैरी होय' यह कहावत आज भी देखने सिद्ध होती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, एक अज्ञात महिला ने नवजात शिशु को मरने के लिए पॉलीथिन में भर कर फेंक दिया। उस पॉलीथिन को अवारा कुत्ता नोच रहे थे इस दौरान उसी रास्ते...

बुलंदशहर ( वरुण शर्मा ): जांको राखे साइयां मार सके ना कोई चाहे सारा जग बैरी होय' यह कहावत आज भी देखने सिद्ध होती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, एक अज्ञात महिला ने नवजात शिशु को मरने के लिए पॉलीथिन में भर कर फेंक दिया। उस पॉलीथिन को अवारा कुत्ता नोच रहे थे इस दौरान उसी रास्ते से एक मुस्लिम परिवार गुजर रहा था। उसकी निगाह अवारा कुत्तो पर पड़ गई। मुस्लिम दंपति ने जाकर देखा तो उसमें एक बच्चा था। जबकि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था। मुस्लिम दंपति उसे अपने घर लेकर आए। रात भर अपने घर रखा उसके बाद उसके पूर्व प्रधान के माध्यम से पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दंपति को कोतवाली बुलाकर बच्चे को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया।

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पेश की इंसानियत की मिसाल
आप को बता दें कि मामला गुलावठी कोतवाली क्षेत्र की है जहां एक मुस्लिम दंपति ने सड़क किनारे पॉलीथिन में फेंके गए नवजात शिशु को संदिग्ध हालत में पाया जिसे अवारा कुत्ता नोच रहे थे। इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए उसकी जान की सुरक्षित की। लोगों ने कहा कि फहीमुद्दीन और उनकी पत्नी शमीना का यह कदम समाज में करुणा और सहानुभूति की नई मिसाल है।

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झाड़ियों में कुत्ते से बचाया नवजात
यह घटना रविवार रात करीब 11 बजे की है। कुराना नया बांस निवासी फहीमुद्दीन अपनी पत्नी शमीना के साथ औरंगाबाद से बाइक से लौट रहे थे। रास्ते में असावर और ऐंचाना के बीच उन्होंने देखा कि एक कुत्ता झाड़ियों में पड़े पॉलीथिन को खींच रहा है। कुछ अजीब महसूस होने पर उन्होंने बाइक रोकी और कुत्ते को भगाकर पॉलीथिन के पास पहुंचे। पॉलीथिन के हिलने पर उन्होंने देखा कि उसके अंदर एक नवजात शिशु था। दंपति ने बिना देर किए बच्चे को उठाया और नजदीकी डॉक्टर के पास ले गए। जांच के बाद जब डॉक्टर ने नवजात को स्वस्थ बताया तो वे उसे रातभर अपने घर ले आए।

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सुबह दी पुलिस को सूचना, चाइल्ड लाइन को सौंपा गया बच्चा
सुबह होते ही फहीमुद्दीन ने पूर्व ग्राम प्रधान के माध्यम से पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस ने दंपति को कोतवाली बुलाकर शिशु को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार नवजात लड़का एक या दो दिन का है और फिलहाल पूरी तरह स्वस्थ है। इस घटना के बाद दंपति खासकर शमीना भावुक हो उठीं। चाइल्ड लाइन की टीम जब बच्चे को लेने पहुंची तो शमीना की आंखें भर आईं और वह नवजात को छोड़ने को तैयार नहीं थीं।

जनता ने की घटना की निंदा, दंपति की सराहना
इस अमानवीय घटना की स्थानीय लोगों ने कड़ी निंदा की है। लोगों का कहना है कि जिस तरह से नवजात को फेंका गया, वह न केवल अपराध है, बल्कि मानवता पर धब्बा भी है। संभावना जताई जा रही है कि यह बच्चा किसी अविवाहित महिला का हो सकता है, जो सामाजिक दबाव के चलते इस कदम पर मजबूर हुई हो। वहीं, फहीमुद्दीन और शमीना के इस मानवीय कार्य की हर ओर सराहना हो रही है। उन्होंने समय रहते कदम उठाकर एक मासूम की जान बचाई और समाज को एक बड़ी सीख दी।

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