Edited By Imran,Updated: 21 Sep, 2024 12:31 PM
लड्डू निर्माण के दौरान गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता को परखने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के SDM शंभू शरण सिंह पहुंचे। उन्होंने शुरू से लेकर अंत तक की लड्डू निर्माण की पूरी प्रक्रिया की जांच की और वे और उनकी पूरी टीम ने भी खुद लड्डू खाकर स्वाद भी चखा।
वाराणसी: लड्डू निर्माण के दौरान गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता को परखने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के SDM शंभू शरण सिंह पहुंचे। उन्होंने शुरू से लेकर अंत तक की लड्डू निर्माण की पूरी प्रक्रिया की जांच की और वे और उनकी पूरी टीम ने भी खुद लड्डू खाकर स्वाद भी चखा।
लड्डू की जांच करते हुए SDM
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जब से तिरुपति बालाजी के प्रसाद की खबर मीडिया में आई है तब से काशी विश्वनाथ मंदिर पूरी तरह से प्रसाद की जांच में जुट गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर में पूरे देश में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। इसलिए प्रसाद गुणवत्ता की चेकिंग फूड डिपार्टमेंट की ओर से कराई जाती है। ताकि गुणवत्ता बनी रहे। लैब टेस्ट के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि घी का लैब रिपोर्ट कराया है। जिसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है, लेकिन दोहरी तौर पर संतुष्ट होने के लिए एक बार फिर से सेम्पलिंग कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि बाबा विश्वनाथ जी को भोग लगने वाले प्रसाद को तो मंदिर के पुजारी ही बनाते हैं। इसके अतिरिक्त भक्तों के लिए प्रसाद की पूर्ति के लिए वेंडर से टाईअप है। तो वहीं लड्डू निर्माण करने वाले वेंडर अशोक हलवाई ने बताया कि गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता का पूरा ख्याल रखा जाता है। वर्कर तक के खाने पीने और वे खुद भी लहसुन प्याज या मादक पदार्थ तक का सेवन नहीं करते हैं। बकायदे मास्क लगाकर वर्कर लड्डू बनाते हैं। खुद खाने पीने के लिए भी उन्हे बिल्डिंग से निकलकर दूसरे स्थान पर जाना पड़ता है और टॉयलेट के लिए भी दूसरे स्थान पर जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि उनके लड्डू निर्माण कार्य में सिर्फ सनातनी ही जुटे हुए हैं, गैरसनातनी का तो प्रश्न ही नहीं है।
वहीं लड्डू निर्माण में लगी वर्कर रेखा ने बताया कि वे सुबह से ही घर से नहाकर आती है और फिर पूरी साफ-सफाई का ख्याल रखते हुए लड्डू बनाती है। खाने पीने या फिर ट्यालेट के लिए भी बाहर दूसरे स्थान पर जाना पड़ता है। वर्कर अभिषेक ने भी यहीं बताया कि साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है।